हमारी नींद 

हमारी नींद

प्रश्न 1. कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि एक बिम्ब की रचना करता है । उसे स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- समकालीन कवि वीरेन डंगवाल ने अपनी कविता के जरिए हमें यह बताया है कि जब हम नींद में होते हैं तब कितनी घटनाएँ एक साथ घट जाती है शायद हमें कुछ अंश भी ज्ञात नहीं हो पाता है । अतः प्रथम अनुच्छेद में डंगवाल जी ऐसा ही विम्ब खिंचते नजर आते हैं । कवि कहते हैं कि मेरी नींद के समय या जब मैं नींद में रहता हूँ तब शहरी परिवेश में हमारे इर्द – गिर्द वातावरण में कुछ इंच पेड़ बढ़ गए , कुछ सूत भी बस जमीन के अंदर बीज से अंकुर निकल कर अपने कोमल सींगों से मिट्टी को धकेलना शुरू किया ।

प्रश्न 2. मक्खी के जीवन – क्रम का कवि द्वारा उल्लेख किए जाने का क्या आशय है ?

उत्तर – कवि कहते हैं जब हम नींद में सोए रहते हैं तब न जाने कितने प्राणियों को जन्म और मृत्यु होते रहती है । हमारी नींद इस अंजाम से बेपरवाह रहती है । अत : हमारी नींद के दौरान कितनी मक्खी का जीवन समाप्त हो गया । कई शिशु जो अलग – अलग प्राणियों से संबंधित हैं उनका जन्म इस धरती पर हुआ । तो वहीं दूसरी ओर उसका जीवन चंद मिनटों में कुछ का समस्त भी हो गया । कहीं दंगे हो गए तो कहीं बमबाजी में लोग मारे गए या उनका जीवन समाप्त हो गया ।

प्रश्न 3. कवि गरीब बस्तियों का क्यों उल्लेख करता है ?

उत्तर कवि यहाँ गरीब बस्तियों का उल्लेख इसलिए करते हैं कि ये लोग दिन भर की मेहनत से थक हार गहरी नींद लेते हैं । परन्तु इनकी बीच साधना शक्ति भी अधिक होती है । अतः यह लगभग हर रोज लाउडस्पीकर द्वारा देवी जागरण की अर्चना की जाती है । वहीं दूसरी ओर अपनी गरीबी पर वे देवियां रोती हैं जिनके अपने सम्बन्धी या अपने लोग गरीबी के कारण काल के गाल में समा गए । रात भर रोना पीटा लगा रहता है । अतः यहाँ गरीब बस्तियों में दो प्रकार की देवी जागरण होती है ।

प्रश्न 4. कवि किन अत्याचारियों का और क्यों जिक्र करता है ?

 उत्तर कवि यहाँ कहना चाहते हैं कि जब कोई हमेशा के लिए सो जाता है । तो दुनिया उसकी गम में खत्म नहीं हो जाती बल्कि आगे चलती रहती है । यहाँ खास कर उन अत्याचारियों के बारे में कवि कहते हैं जो हमारी जीवन लीला को समाप्त कर देते हैं या कर देना चाहते हैं । इनके भय से जीवन की गति रुकती नहीं है । वह आगे बढ़ता जाता है । भले ही हमारी नींद हमेशा के लिए ही क्यों न हो ।

 प्रश्न 5. इनकार करना न भूलने वाले कौन हैं ? कवि का भाव स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर – इनकार करना न भूलने वाले वे लोग हैं जो अपनी अचेत अवस्था में भी जीवन से संघर्ष करते रहते हैं । उनकी इरादें साफ और मजबूत है वे लोग जीवन को विषम परिस्थितियों में जीना जानते हैं । अतः ऐसे लोग का न होना भी हमारे बीच होने जैसा है जो हमेशा लोगों को जीवन की प्रेरणा देते हैं ।

प्रश्न 6. कविता के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए ।

उत्तर – वीरेन डंगवाल जी ने अपनी कविता ‘ हमारी नींद ‘ में सुविधाभोगी आराम पसंद जीवन अथवा हमारी बेपरवाहियों के बाहर विपरीत परिस्थितियों से लगातार लड़ते हुए बढ़ते जाने वाले जीवन का चित्रण करती है । हम अपनी नींद में इस तरह से होते हैं कि दुनिया में घटित घटना की कल्पना भी नहीं कर सकते । किस तरह से एक पेड़ एक इंच बढ़ती है , नार पौधे बढ़ते हैं । इसी नाँद के दौरान न जाने कितने लोगों का काल – क्रम समाप्त हो जाता है । गरीब बस्तियों में रोज मातम तथा देवी जागरण के गुण गाए जाते हैं । वहीं दूसरी ओर कहते हैं कि जब कोई हमेशा के लिए सो जाता है तब उसकी याद में जीवन की गति नहीं रुकती । वह तो हमेशा आगे बढ़ती रहती है । हम लोगों के बीच वैसे व्यक्ति अपना आदर्श छोड़ जाते हैं जिससे हम अपनी जीवन रेखा को संयम से बढ़ा सके । अतः यहाँ हमारी नींद , इस कविता के सटीक शीर्षक साबित होता है ।

प्रश्न 7. व्याख्या करें –

( क ) गरीब बस्तियों में भी धमाके से हुआ देवी जागरण लाउडस्पीकर पर ।

 ( ख ) याने साधन तो सभी जुटा लिए हैं अत्याचारियों ने

( ग ) हमारी नींद के बावजूद

 उत्तर- ( क ) नींद के समय गरीब बस्तियों में देवी जागरण होते हैं वो भी लाउडस्पीकर से चूँकी दिन भर की मेहनत कर ये गरीब लोग रात को रोते हैं तथा अपनी – अपनी भक्ति यानी देवी जागरण के बहाने ये अपने गरीबी पर रोते हैं ।

( ख ) हमारा जीवन हमेशा समय के गति के समान चलता रहता है । किसी के सो जाने जीवन चक्र नहीं रुकती । आगे बढ़ती ही चली जाती है । भले ही हमारे नींद को बाधा पहुंचाने के लिए अत्याचारियों ने सभी साधन जुटा लिए हों ।

( ग ) प्रस्तुत पंक्ति में कवि कहते हैं कि किसी की मृत्यु हो जाने से समय की गति नहीं रुकती है । कोई व्यक्ति चाहे वह नींद में हो अथवा हमेशा के लिए नींद में लोग समय के साथ उसे भुलाकर आगे बढ़ते हैं ।

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