10th Bhugol chapter 1 संसाधन एवं उपयोग | Class 10th Social Science Geography chapter 1 subjective question sansadhan or upyog | Bihar Board 10th Geography chapter 1 subjective question

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न-1. संसाधन को परिभाषित कीजिए | [2015, 2019]

उत्तर-. पर्यावरण के वे सारे अवयव जो विद्यमान तकनीक की सहायता से मानव जीवन की आवश्यकताओं को पूर्ण करने की क्षमता रखते हैं , संसाधन कहलाते हैं ।

Q.Define resource. [2015, 2019]

Answer-. All those components of the environment which are capable of fulfilling the needs of human life with the help of existing technology are called resources.

प्रश्न 2. प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ? [2017, 2019]

 उत्तर- विकास कार्यों के लिए मानव ने संसाधनों का अविवेकपूर्ण एवं अति उपयोग किया है । यही नहीं , कई संसाधन आज समाप्ति के कगार पर पहुँच चुके अतः सतत पोषणीय विकास के लिए यह आवश्यक है कि संसाधन संरक्षण पर जोर दिया जाए । ये हमारे लिए बहुमूल्य है एवं इनके निर्माण में लाखों वर्ष लगते हैं । संसाधन संरक्षण पर कई नेताओं और चिंतकों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं जिनमें महात्मा गाँधी का नाम उल्लेखनीय है ।

Q.Why is it necessary to conserve natural resources? [2017, 2019]

 Ans- Human has made indiscriminate and excessive use of resources for development works. Not only this, many resources have reached the verge of exhaustion today, so for sustainable development it is necessary that emphasis should be given on resource conservation. These are valuable to us and they take millions of years to build. Many leaders and thinkers have expressed their views on resource conservation, in which the name of Mahatma Gandhi is notable.

प्रश्न 3. संसाधनों का संरक्षण क्यों महत्व है ? [2022]

 उत्तर- मानव प्राकृतिक संसाधनों का सृष्टिकर्ता नहीं है इसलिए मानव प्राकृतिक संसाधन को पूँजी समझकर उपयोग करे । इसका तात्पर्य यह है कि संसाधनों के उपयोग में कम – से – कम दुरुपयोग हो , उनकी कम – से – कम बर्बादी हो । मिट्टी जैसी संपदा की उर्वरता बनी रहे , उसे निम्नीकरण या कटाव से बचाया जाय । वन सम्पदा के अत्यधिक उपयोग में लाए जाने पर पुनः स्थापन पर बल देना उनका संरक्षण कहलाता है । अतः संरक्षण से तात्पर्य है संसाधनों का अधिकाधिक समय तक अधिक लोगों के लिए आवश्यकता की पूर्ति हेतु उपयोग हो । संसार की आबादी का बड़ा भाग कृषि पर आश्रित है और कृषि कार्य के लिए मानव भूमि और मिट्टी का उपयोग करता है । इन संसाधनों का मूल्यांकण किया जाना चाहिए । यदि इनमें कोई कमी है तो उसे पूरा कर उपयुक्त बनाया जाए । यदि वह बर्बाद हो रही है तो किस तरह उसका संरक्षण किया जाए । इसके लिए भूमि का उपयोग इस प्रकार होना चाहिए कि मिट्टी के प्रकार के अनुसार फसलें उगानी चाहिए ताकि भूमि की उत्पादकता बनी रहे और मिट्टी की गुणवत्ता नष्ट न हो । इस प्रकार जल संरक्षण , वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण , खनिज संपदा संरक्षण के लिए भी योजनाबद्ध और विवेकपूर्ण उपयोग किया जाए तो उनसे अधिक से अधिक समय तक लाभ उठाया जा सकता है तथा वे मानव जगत के लिए संरक्षित रह सकते हैं । संसाधनों का योजनाबद्ध , समुचित और विवेकपूर्ण उपयोग ही उनका संरक्षण है । संरक्षण का तात्पर्य कदापि यह नहीं कि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग न कर उनकी रक्षा की जाए उनके खर्च की आवश्यकता के बावजूद उन्हें बचाकर भविष्य के लिए रखा जाए ।

Q.Why is conservation of resources important? [2022]

 Answer- Human is not the creator of natural resources, so humans should use natural resources as capital. This means that there is minimum misuse of resources, minimum wastage of them. To maintain the fertility of property like soil, it should be protected from degradation or erosion. The emphasis on restoration of forest resources when they are used excessively is called their conservation. Therefore, conservation means the use of resources for a longer period of time to meet the needs of more people. A large part of the world’s population is dependent on agriculture and humans use land and soil for agricultural work. These resources should be evaluated. If there is any deficiency in them, it should be filled and made suitable.

प्राकृतिक संसाधन

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1 . पवन अपरदन वाले क्षेत्र में कृषि की कौन – सी पद्धति उपयोगी मानी जाती है ? [ 2021AI ]

उत्तर- पवन अपरदन वाले क्षेत्रों में पट्टिका कृषि उपयोगी मानी जाती है । यह कृषि फसलों के बीच घास की पट्टियाँ विकसित कर की जाती है ।

Q.Which method of agriculture is considered useful in the area of ​​wind erosion? [ 2021AI ]

In areas prone to wind erosion, plaque agriculture is considered useful. This agriculture is done by developing strips of grass between the crops.

प्रश्न 2. मृदा निर्माण के कारकों का उल्लेख करें । [ 2019]

उत्तर- मृदा का निर्माण भौतिक एवं रासायनिक प्रक्रियाओं से होता है । इन क्रियाओं के कारण चट्टानें मुलायम हो जाती है जो आसानी से टूटकर कणों में बदल जाती है । मृदा निर्माण के पाँच प्रमुख कारक या घटक हैं- ( i ) स्थानीय जलवायु ( ii ) मूल चट्टानों की प्रकृति ( iii ) वनस्पतियाँ ( iv ) भू – आकृति एवं ऊँचाई ( v ) मृदा बनने में लगने वाला समय ।

Q. Mention the factors of soil formation. [ 2019]

Answer: Soil is formed by physical and chemical processes. Due to these actions the rocks become soft which easily breaks down into particles. The five major factors or components of soil formation are – (i) local climate (ii) nature of parent rocks (iii) vegetation (iv) topography and height (v) time taken for soil formation.

 प्रश्न 3. जलोढ़ मृदा के विस्तार वाले राज्यों के नाम बताएँ । इस मृदा में कौन – कौन – सी फसलें लगायी जाती हैं ? [ 2018]

उत्तर- बिहार , उत्तर प्रदेश , असम , मध्य प्रदेश , प ० बंगाल , तमिलनाडु , कर्नाटक , गुजरात , आन्ध्र प्रदेश इत्यादि राज्यों में जलोढ़ मिट्टी का विस्तार है । इस मृदा में गन्ना , चावल , गेहूँ , मक्का , दलहन इत्यादि फसलें उगाई जाती है ।

Q.Name the states having extension of alluvial soil. Which crops are grown in this soil? [ 2018]

Answer- Bihar, Uttar Pradesh, Assam, Madhya Pradesh, West Bengal, Tamil Nadu, Karnataka, Gujarat, Andhra Pradesh etc. States have an extension of alluvial soil. Crops like sugarcane, rice, wheat, maize, pulses etc. are grown in this soil.

प्रश्न 4. जलोढ़ मृदा से क्या समझते हैं ? इस मृदा में कौन – कौन – सी फसलें उगायी जाती है? [ 2017 ]

उत्तर- जलोढ़ मृदा नदियों द्वारा लायी गई गाद के निक्षेप से बनी है । समुद्री लहरें भी अपने तटों पर ऐसी ही मिट्टी की परते जमा कर देती हैं । इस मृदा में चावल , गेहूँ , चना , दलहन , तेलहन , कपास , गन्ना , जूट , सब्जियाँ आदि फसलें उगाई जाती है ।

Q.What do you understand by alluvial soil? Which crops are grown in this soil? [ 2017 ]

Ans- Alluvial soil is made up of deposits of silt brought by rivers. Sea waves also deposit similar layers of soil on their shores. Crops like rice, wheat, gram, pulses, oilseeds, cotton, sugarcane, jute, vegetables etc. are grown in this soil.

प्रश्न 5.खादर और बांगर मिट्टी में अन्तर स्पष्ट करें । [2012]

उत्तर- खादर मिट्टी और बांगर मिट्टी में निम्नलिखित अन्तर हैं –

खादर मिट्टी :-

  1. नवीन एवं उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी को खादर कहा जाता है ।
  2. खादर मिट्टी में बाढ़ का प्रभाव होता है ।
  3. उत्तरी बिहार एवं गंगा का मैदान इसका उदाहरण है ।

 बांगर मिट्टी:-

  1. पुरानी जलोढ़ मिट्टी को बांगर मिट्टी कहा जाता है ।
  2. बांगर मिट्टी में बाढ़ का प्रभाव नहीं होता है ।
  3. महाराष्ट्र एवं पंजाब की भूमि इसका उदाहरण है ।

Q.Explain the difference between Khadar and Bangar soil. [2012]

Answer- Following are the differences between Khadar soil and Bangar soil –

Khadar Soil :-

(i) New and fertile alluvial soil is called Khadar.

(ii) There is a flood effect in Khadar soil.

(iii) North Bihar and the Gangetic plain are examples.

Bangar soil:-

 (i) Old alluvial soil is called Bangar soil.

(ii) There is no effect of flood in Bangar soil. (iii) The land of Maharashtra and Punjab is an example of this

प्रश्न .6 . मृदा संरक्षण में फसल चक्रण किस प्रकार सहायक है ? [2022]

उत्तर- फसल चक्रण द्वारा मृदा के पोषण स्तर को बरकरार रखा जा सकता है । गेहूँ , चावल , मक्का , आलू आदि के लगातार उगाने से मृदा के पोषक तत्त्व में कमी हो जाती है । इसे तिलहन एवं दलहन की खेती से पुनः प्राप्त किया जा सकता है । इससे नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है इसलिए फसल चक्रण से मृदा संरक्षण में मदद मिलती है ।

Q.How is crop rotation helpful in soil conservation? [2022]

Ans- The nutritional level of the soil can be maintained by crop rotation. Continuous growing of wheat, rice, maize, potato etc. leads to a decrease in the nutrient content of the soil. It can be recovered from the cultivation of oilseeds and pulses. This leads to the fixation of nitrogen, so crop rotation helps in soil conservation.

जल संसाधन(water resources)

लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न 1.  नदी घाटी परियोजना के किन्हीं दो लाभों का उल्लेख कीजिए | ( 2021AII ]

उत्तर-  नदी घाटी परियोजना के अनेक लाभ है , जो निम्नलिखित हैं-

( i ) नदियों पर बाँध बनाकर नहरें निकाली जाती है , जिससे वर्षाभाव के क्षेत्र में सिंचाई की जाती है ।

( ii ) बाढ़ की रोकथाम करना तथा मिट्टी के कटाव को रोकना ।

Q.Mention any two advantages of river valley project. ( 2021AII ]

Answer- There are many benefits of river valley project, which are as follows-

(i) Canals are drawn by making dams on rivers, through which irrigation is done in the area of ​​​​rainfall.

(ii) To prevent floods and to prevent soil erosion.

प्रश्न 2.भारत की नदियों के प्रदूषण के कारणों का वर्णन कीजिए । [2020, 2021]

उत्तर- भारत की नदियों के प्रदूषण के कारण निम्नलिखित हैं –

( i ) नगरों के कूड़ा – करकट , मल आदि को निकटवर्ती नदियों , तालाबों में गिराया जाना  (ii ) कल – कारखानों के अपशिष्ट रासायनिक पदार्थों को नदी में गिराना ।

( ii ) मृत जीव – जंतुओं को नदियों में फेंकना ।

( iv ) बढ़ती आबादी और जीवन शैली ।

( v ) तालाबों में कीटनाशक दवाएँ छिड़कना ।

( vi ) अणु परीक्षण , परमाणु विस्फोट एवं रासायनिक अस्त्रों के प्रयोग ।

Q.Describe the causes of pollution of rivers of India. [2020, 2021]

Answer- Following are the causes of pollution of rivers of India –

(i) The dumping of city garbage, sewage, etc. into the nearby rivers, ponds (ii) Tomorrow – The dumping of chemical wastes of factories into the river.

(ii) Throwing dead animals into rivers.

(iv) Increasing population and lifestyle.

(v) Spraying of insecticides in the ponds.

(vi) Nuclear tests, nuclear explosions and use of chemical weapons.

प्रश्न .3. जल संसाधन के क्या उपयोग है ? [ 2017AI , 2019AI ]

उत्तर- जल एक बहुमूल्य संसाधन है , जिसका उपयोग मानव प्राचीन समय से ही करता आ रहा है| प्राचीन काल से ही मानव द्वारा पेयजल , घरेलू कार्य , सिंचाई , मल – मूत्र विसर्जन आदि कार्यों में जल का उपयोग किया जा रहा है । वर्तमान समय में जल का सर्वाधिक उपयोग सिंचाई , विद्युत उत्पादन एवं उद्योगों में किया जा रहा है ।

Q.What is the use of water resource? [ 2017AI , 2019AI ]

Answer- Water is a valuable resource, which man has been using since ancient times. Since ancient times, water is being used by humans for drinking water, domestic work, irrigation, excretion of sewage etc. At present, maximum use of water is being done in irrigation, power generation and industries.

प्रश्न.4 . भारत के किन भागों में नदी डेल्टा का विकास हुआ है ? ( 2018AII , 2019C ]

उत्तर- नदियों के मुहाने पर उनके द्वारा लाई गई गाद के जमा होने से बना क्षेत्र जिसका आकार साधारण तौर पर त्रिकोणीय होता है , डेल्टा कहलाता है । भारत के पूर्वी भाग में गंगा – ब्रह्मपुत्र तथा महानदी , दक्षिण – पूर्वी भाग में गोदावरी तथा दक्षिण में कृष्णा एवं कावेरी नदियों द्वारा डेल्टा का विकास हुआ है । जलोढ़ मिट्टी होने के कारण इन डेल्टाओं की भूमि काफी उपजाऊ है ।

Q.In which parts of India have river deltas developed? ( 2018AII , 2019C ]

Answer- The area formed by the deposition of silt brought by them at the mouth of rivers, whose shape is generally triangular, is called delta. The delta is developed by the Ganges-Brahmaputra and Mahanadi in the eastern part of India, the Godavari in the south-eastern part and the Krishna and Kaveri rivers in the south. Due to the presence of alluvial soil, the land of these deltas is quite fertile.

 प्रश्न.5. नदी घाटी परियोजना के मुख्य उद्देश्य क्या हैं ? [ 2015C ]

उत्तर- इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य है समन्वित रूप से नदी – घाटियों से जुड़ी • विभिन्न समस्याओं को हल करना । इनमें बाढ़ों का नियंत्रण , मृदा अपरदन पर रोक , सिंचाई एवं पीने के लिए पानी , उद्योगों , गाँवों और नगरों के लिए जल विद्युत उत्पादन , अन्तःस्थलीय जल परिवहन और कई अन्य सुविधाएँ

जैसे — मनोरंजन , वन्यजीव संरक्षण और मत्स्य के विकास शामिल है ।

Q.What are the main objectives of the River Valley Project? [ 2015C ]

Answer- The main objective of these projects is to solve various problems related to river basins in a coordinated manner. These include the control of floods, prevention of soil erosion, water for irrigation and drinking, hydropower generation for industries, villages and cities, inland water transport and many other facilities.

Such as – recreation, wildlife conservation and fisheries development.

               वन्य एवं वन्य प्राणी संसाधन

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. पर्यावरण के लिए वन क्यों महत्त्वपूर्ण हैं ? [ 2014A, 2018, 2021 ]

उत्तर- वन प्रकृति का अनुपम उपहार है , जिसके आँचल में मानव आदिकाल से पोषित होता रहा है । वन जलवायु का सच्चा मानक है । एक तरफ वन की भूमि जल का अवशोषण कर बाढ़ के खतरे को रोकती है तो दूसरी तरफ अच्छी वर्षा भी कराती है । यह वन्य प्राणियों को भी आश्रय प्रदान करती है ।तथा वन्य प्राणियों के साथ ही मानव को भी अनेक आवश्यक जीवनदायिनी वस्तुएँ देती हैं । जीव मंडल में जीवों और जलवायु को संतुलित स्थिति प्रदान कर संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान देता है ।

Q.Why are forests important for the environment? [ 2014A, 2018, 2021 ]

Answer- Forest is a unique gift of nature, in which man has been nourished since time immemorial. Forest is the true standard of climate. On the one hand, the forest land absorbs water and prevents the danger of floods, and on the other hand it also provides good rainfall. It also provides shelter to wild animals. And along with wild animals, it also gives many essential life-giving items to human beings. By providing balanced conditions to the organisms and climate in the biosphere, it contributes the most to the formation of a balanced ecosystem.

प्रश्न 2.  चिपको आन्दोलन क्या है ? ( 2015 , 2018 ]

उत्तर- प्रदेश ( वर्तमान उत्तराखण्ड ) के टिहरी गढ़वाल पर्वतीय जिले में सुन्दरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में वृक्षों की कटाई रोकने के लिए 1972 में ‘ चिपको आन्दोलन ‘ शुरू हुआ । इस आन्दोलन में कटने वाले पेड़ से एक व्यक्ति चिपक जाता था और पेड़ काटने वालों से कहता था कि पहले मुझ पर कुल्हाड़ी चलाओ । इस प्रकार वे पेड़ से चिपक जाते थे । इस प्रकार , इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी अक्षुण्ण रखी जा सकी । इस आन्दोलन ने देश के अन्य क्षेत्रों के लोगों को वृक्षों की संरक्षण की प्रेरणा दी ।

Q.What is Chipko Movement? ( 2015 , 2018 ]

In the Tehri Garhwal hill district of Uttar Pradesh (present-day Uttarakhand), ‘Chipko Andolan’ started in 1972 to stop the felling of trees under the leadership of Sunderlal Bahuguna. In this movement, a person used to stick to the tree that was cut and used to tell the tree-cutters to first shoot an ax at me. Thus they used to cling to the tree. In this way, the ecology of this area could be kept intact. This movement inspired the people of other regions of the country to conserve trees.

प्रश्न 3. वन विनाश के दो प्रमुख कारकों का उल्लेख करें ।

 उत्तर-  वन विनाश के दो मुख्य कारक निम्नलिखित हैं –

( i ) वन क्षेत्र का कृषि भूमि के रूप में बदला जाना ।

( ii ) पशुचारण और ईंधन के लिए लकड़ियों का भारी मात्रा में काटा जाना ।

Q.Mention two major factors of forest destruction.

 Answer- Following are the two main factors of forest destruction –

(i) Conversion of forest area into agricultural land.

(ii) Heavy cutting of wood for pastoral and fuel purposes.

प्रश्न 4. पर्णपाती वनों के किन्हीं चार वृक्षों के नाम लिखिए ।

उत्तर- पर्णपाती वनों के वृक्ष हैं — आम , कटहल , पीपल , जामुन ।

Q. Name any four trees of deciduous forests.

Answer – Trees of deciduous forests are – Mango, Jackfruit, Peepal, Jamun.

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न .1. जैव – विविधता क्या है ? यह मानव के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ? [2019, 2021]

उत्तर- किसी विशेष क्षेत्र में उपस्थित एक सामुदायिक जातियों की संख्या एवं जातियों के अंतर्गत आनुवंशिक परिवर्तनशीलता की मात्रा उस क्षेत्र के समुदाय की जैव विविधता कहलाती है ।

 जैव विविधता मानव के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है । यह नई फसलों , औषधियों को प्राप्त करने का स्रोत है । बढ़ती हुई जनसंख्या के पेट भरने के लिए एवं स्वस्थ रहने के लिए इन फसलों एवं औषधियों का महत्त्व और भी अधिक है । इससे मानवीय विकास को गति प्रदान होती है । पर्यावरणीय परिवर्तन का सामना करने में जैव विविधता महत्वपूर्ण कार्य करता है । यह वर्तमान समय में सभी जातियों की आनुवंशिक विविधताओं को संरक्षित रखने में सहायक होता है ।

 इस प्रकार मानव जीवन को स्वस्थ , संतुलित तथा विकासशील रखने में जैव विविधता को अक्षुण बनाए रखना मानव के लिए महत्त्वपूर्ण है ।

Q.What is Bio-diversity? Why is it important for humans? [2019, 2021]

Answer- The number of species present in a particular area and the amount of genetic variability within the species is called the biodiversity of the community of that area.

Biodiversity is very important for humans. It is the source of getting new crops, medicines. The importance of these crops and medicines is even greater to fill the stomach of the growing population and to stay healthy. This gives impetus to human development. Biodiversity plays an important role in coping with environmental change. It helps in preserving the genetic diversity of all species in the present time. In this way, it is important for humans to maintain the biodiversity intact in keeping human life healthy, balanced and developing.

प्रश्न.2. किस प्रकार मानवीय क्रियाएँ वनस्पति एवं जीव – जंतुओं के ह्रास के लिए उत्तरदायी हैं ?[ 2021]

उत्तर- वनस्पति , मानव को दिया गया प्रकृति का एक अमूल्य उपहार है । ये वनस्पतियाँ कई प्रकार से मनुष्य के जीवन की रक्षा करते हुए विकास को गतिशील बनाने में सहायक होती हैं । विकास के इस दौर में मानव प्रकृति के इस अमूल्य योगदान को भूलता जा रहा है ।

    मानव ने विकास के नाम पर सड़कों , रेलमार्गों , शहरों का निर्माण करना शुरू किया । इसके लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गयी । जिससे वनों का नाश होने लगा , वन्य प्राणियों का आश्रय स्थल ही उजड़ने लगा ।

 कृषि से अत्यधिक उपज के लिए अत्यधिक सिंचाई , रासायनिक खाद का प्रयोग किया गया । इसके कारण एक ओर भूमि निम्नीकरण से वनों को नुकसान हुआ तो दूसरी ओर जलों के दुषित होने से जीव – जंतु के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा । कल – कारखाने स्थापित करने के लिए वनों की कटाई की गयी । पुनः इन कल – कारखानों से निकलने वाले घुआँ और कचरों ने वायु और जल को दूषित किया , जिससे अम्लीय वर्षा के कारण वन और वन्य प्राणियों पर खराब प्रभाव पड़ा ।

 वनों के ह्रास ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया , जिससे जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या सामने आने लगी है ।

Q.How are human activities responsible for the decline of flora and fauna?[ 2021]

Answer- Vegetable is a priceless gift of nature given to man. These plants help in accelerating development while protecting human life in many ways. In this era of development, man is forgetting this invaluable contribution of nature.

            Human beings started building roads, railways, cities in the name of development. For this the trees were cut indiscriminately. Due to which the forests started getting destroyed, the shelter place of wild animals started getting destroyed.

            For high yield from agriculture, excessive irrigation, chemical fertilizers were used. Due to this, on the one hand there was loss of forests due to land degradation and on the other hand the existence of animals was also threatened due to contamination of water. Yesterday – Deforestation was done to set up factories. Again, the fumes and wastes from these factories pollute the air and water, causing a bad effect on the forest and wildlife due to acid rain. The loss of forests has disturbed the natural balance, due to which problems like climate change have started coming to the fore.

प्रश्न.3. वन्य जीवों के ह्रास के उत्तरदायी चार प्रमुख कारकों को लिखें।[ 2014, 2019 ]   

उत्तर- वन्य जीवों के हास के निम्नलिखित कारक हैं-

 ( i ) वन्य जीवों का शिकार- आर्थिक लाभों के लिए कुछ लोग वन्य जीवों का शिकार करते हैं । फलतः उनकी संख्या दिन – प्रतिदिन घटती जा रही है ।

( ii ) प्रदूषण की समस्या- अम्ल वर्षा , पौधाघर प्रभाव जल एवं मृदा प्रदूषण और पराबैंगनी किरणें वन्य जीवों के ह्रास के कारक हैं ।

( iii ) प्राकृतिक आवास का ह्रास – वन्य जीवों का आवास क्षेत्र वन है । अप्रत्याशित ढंग से बढ़ती जनसंख्या , औद्योगिक विकास , शहरीकरण , बड़े बाँध या अन्य परियोजनाएँ इनके आवास का अतिक्रमण कर रही हैं ।

( iv ) वनों में आग लगना- प्राकृतिक या मानविक कारणों से वनों में आग लग जाती है । इससे वन्य जीव नष्ट हो जाते हैं ।

Q.Write four major factors responsible for the decline of wildlife.[2014, 2019 ]

Answer- Following are the factors of decline of wildlife-

 (i) Hunting of wild animals – Some people hunt wild animals for economic benefits. As a result their number is decreasing day by day.

(ii) Pollution problem- Acid rain, plant house effect, water and soil pollution and ultraviolet rays are the factors of degradation of wildlife.

(iii) Deterioration of natural habitat – The habitat area of ​​wild animals is forest. Unprecedented population, industrial development, urbanization, large dams or other projects are encroaching on their habitat.

(iv) Fire in the forest- Fire occurs in the forest due to natural or human causes. This destroys the wildlife.

प्रश्न.4. वन एवं वन्य जीवों के महत्त्व को लिखें । महत्त्वपूर्ण है ? [2018 ]

उत्तर-  वन एवं वन्य जीव हमारी जीवन – धारा की अमूल्य धरोहर है । ये पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच है । इनका महत्त्व निम्नांकित हैं—

( i ) प्राकृतिक संतुलन बनाए रखते हैं ।

( ii ) वन एवं वन्य जीवों के अनेक उत्पादन , जैसे — कीमती लकड़ियाँ , जड़ी – बूटियाँ , हाथी दाँत और चमड़ा इत्यादि का आर्थिक महत्त्व है ।

( iii ) वन्य प्राणियों पर किए गए प्रयोगों के जरिए शरीर रचना तथा पारिस्थितिकी तथ्यों का अपार ज्ञान प्राप्त होता है ।

( iv ) अनादिकाल से ही मनुष्य का वन्यजीवों से सांस्कृतिक एवं धार्मिक लगाव रहा है । पीपल , बरगद , तुलसी , आँवला आदि की मनुष्य पूजा करता है । बाघ , चूहा , गरूड़ , बैल आदि देवताओं के वाहन हैं ।

Q.Write the importance of forest and wildlife. important? [2018 ]

Answer- Forest and wildlife are invaluable heritage of our life-stream. It is a protective shield for the earth. Their importance is as follows-

(i) Maintaining natural balance.

(ii) Many products of forest and wildlife, such as precious wood, herbs, ivory and leather etc. have economic importance.

(iii) Through experiments done on wild animals, immense knowledge of anatomy and ecological facts is obtained.

(iv) Human beings have had cultural and religious attachment to wildlife since time immemorial. People worship Peepal, Banyan, Tulsi, Amla etc. Tiger, Rat, Garuda, Bull etc. are the vehicles of the deities.

खानिज संसाधन (mineral resources)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न.1. खनिज को परिभाषित कीजिए । [2021]

उत्तर- प्रकृति में स्वतः पाए जाने वाले ऐसे पदार्थ जिनकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है , खनिज कहलाते हैं । ये चट्टानों में अयस्क के रूप में पाये जाते हैं । इसकी उत्पत्ति पृथ्वी के अंदर विभिन्न भू – वैज्ञानिक प्रक्रियाओं द्वारा होती है । यह एक प्राकृतिक और अनवीकरणीय संसाधन है ।

Q.Define mineral. [2021]

Ans- Such substances naturally occurring in nature which have a definite internal structure are called minerals. They are found in the form of ores in rocks. It is generated by various geological processes inside the earth. It is a natural and non-renewable resource.

प्रश्न.2. खनिजों के संरक्षण एवं प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं ? [2015,2018,2020]

उत्तर- खनिज अनवीकरणीय संसाधन है । अतः इनका संरक्षण आवश्यक है । निम्नांकित उपायों द्वारा खनिजों का संरक्षण और प्रबन्धन किया जा सकता है ।

(i) खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग |

( ii ) कच्चे माल के रूप में खनिजों के स्थान पर उनके सस्ते प्रतिस्थापनों का उपयोग ।

(iii ) स्क्रेप का पुन : उपयोग ।

(iv ) खनिज निक्षेप का पूर्ण संदोहन ।

Q.What do you understand by conservation and management of minerals? [2015,2018,2020]

Answer: Minerals are non-renewable resources. Hence their protection is necessary. The conservation and management of minerals can be done by the following measures.

(i) Prudent use of minerals.

(ii) Use of minerals as raw material in place of their cheap substitutes.

(iii) Reuse of scrap.

(iv) Complete exploitation of mineral deposits.

प्रश्न.3. झारखण्ड के मुख्य लौह – अयस्क खनन के केन्द्रों के नाम लिखिए | [2019]

उत्तर- नोआमुंडी , जामदा , बगियाबुरु , गुरुमहिसानी , गुआ ।

Q.Name the main iron-ore mining centers of Jharkhand. [2019]

Answer – Noamundi, Jamda, Bagiyaburu, Gurumahisani, Gua.

प्रश्न.4. खनिजों के आर्थिक महत्त्व का वर्णन करें । [2017]

उत्तर- खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व है , जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है । हमारे जीवन में खनिजों का विशेष आर्थिक महत्त्व है औद्योगिक उत्पादन के लिए खनिज एक आधारभूत जरूरत होती है इसके अभाव में न तो किसी उद्योग एवं न किसी राष्ट्र के विकास की कल्पना की जा सकती है ।

Q.Describe the economic importance of minerals. [2017]

Ans- A mineral is a naturally occurring homogeneous element, which has a definite internal structure. Minerals have special economic importance in our life, minerals are a basic need for industrial production, in the absence of this neither industry nor development of any nation can be imagined.

प्रश्न.5. मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालें । [2012]

उत्तर- 5. मँगनीज एक उपयोगी खनिज पदार्थ है । इसका उपयोग इस्पात निर्माण , मिश्रधातु निर्माण , सूखा – सेल बनाने में , चमड़ा एवं माचिस उद्योग ब्लीचिंग पाउडर , पेंट , दवा बनाने में होता है ।

Q.Throw light on the use of manganese. [2012]

Answer- 5. Manganese is a useful mineral substance. It is used in steel making, alloy manufacturing, dry-cell making, leather and match industry in making bleaching powder, paint, medicine.

प्रश्न.6. लौह – अयस्कों के नाम लिखें ।[ 2012A ]

उत्तर- लौह – अयस्क मुख्य रूप से चार रूपों में पाये जाते हैं जो निम्न हैं —

 ( i ) हेमाटाइट , ( ii ) मैग्नेटाइट , ( iii ) लिमोनाइट तथा ( iv ) सिडेराइट ।

Q.Name the iron ores. [ 2012A ]

Answer- Iron-ore is found mainly in four forms which are as follows–

  • Hematite, (ii) Magnetite, (iii) Limonite and (iv) Siderite.

प्रश्न.7. लौह – अलौह खनिज में अंतर बताएँ । [ 2011]

उत्तर- ( i ) लौह खनिज —इसमें लोहा का अंश पाया जाता है जैसे – लौह अयस्क , मैंगनीज , क्रोमाइट , पाइराइट , टंगस्टन , निकिल और कोबाल्ट लौह खनिज के अंतर्गत आते हैं । इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के इस्पात बनाने में किया जाता है ।

 ( II ) अलौह  खनिज- इसमें लौह अंश नहीं पाया जाता है जैसे सोना , चाँदी , ताँबा , जस्ता , अभ्रक , बाक्साइट , टिन , मैग्नीशियम आदि । इसका उपयोग जेवर , सिक्के , बरतन , बक्सा तार आदि बनाने में किया जाता है ।

Q.Differentiate between ferrous and non-ferrous minerals. [2011]

Ans- (i) Iron Minerals – Iron is found in it, such as iron ore, manganese, chromite, pyrite, tungsten, nickel and cobalt come under iron minerals. They are used to make various types of steel.

 (II) Non-ferrous Minerals- It does not contain iron content such as gold, silver, copper, zinc, mica, bauxite, tin, magnesium

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 1.

प्रश्न.1. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अन्तर है ? [2019]

उत्तर- ( i ) धात्विक खनिजं -ऐसे खनिजों में धातु मौजूद रहते हैं । ये धातु किसी – न – किसी धातु के साथ मिले होते हैं । जैसे लौह अयस्क , ताँबा , निकेल आदि । लौह धातु की उपस्थिति के आधार पर धात्विक खनिज को भी दो उप – भाग में बाँटा जाता है ।

( क ) लौह युक्त धातु ( ख ) अलौह युक्त धातु लौह युक्त धातु में लोहा के अंश अधिक होते हैं , जैसे— लौह अयस्क , मैंगनीज , निकेल , टंगस्टन आदि ।

अलौह धातु में लोहा के अंश बहुत कम होते हैं , जैसे — सोना , चाँदी , बॉक्साइट , टिन , ताँबा आदि ।

 ( ii ) अधात्विक खनिज- ऐसे खनिजों में धातु नहीं होते हैं , जैसे चूना पत्थर , डोलोमाइट , अभ्रक , जिप्सम आदि । जीवाश्म की उपस्थिति के आधार पर अधात्विक खनिज को भी दो भागों में बाँटा जाता है

( क ) कार्बनिक खनिज — ऐसे खनिजों का निर्माण भू – गर्भ में प्राणी एवं पेड़ – पौधों के दबने से होता है । जैसे कोयला , पेट्रोलियम आदि ।

( ख ) अकार्बनिक खनिज -ऐसे खनिज में जीवाश्म की मात्रा नहीं होती हैं , जैसे -अभ्रक , ग्रेफाइट आदि ।

Q.What is the difference between metallic and non-metallic minerals? [2019]

Ans-(i) Metallic minerals – Metals are present in such minerals. These metals are mixed with some or the other metal. Like iron ore, copper, nickel etc. Metallic minerals are also divided into two sub-parts on the basis of presence of ferrous metal.

(a) ferrous metal (b) non-ferrous metal ferrous metal contains more iron content, such as iron ore, manganese, nickel, tungsten etc.

Iron content is very less in non-ferrous metals, such as gold, silver, bauxite, tin, copper etc.

(ii) Non-metallic minerals – Such minerals do not contain metals, such as limestone, dolomite, mica, gypsum, etc. On the basis of presence of fossil, non-metallic minerals are also divided into two parts.

(a) Organic Minerals – Such minerals are formed by the suppression of animals and plants in the earth’s womb. Like coal, petroleum etc.

(b) Inorganic minerals – Such minerals do not contain fossils, such as mica, graphite, etc.

प्रश्न 2. अर्थव्यवस्था पर खनन कार्य के प्रभावों का वर्णन करें । [2019]

उत्तर- खनन कार्य का अर्थव्यवस्था पर निम्नांकित प्रभाव पड़ता है …

( i ) इससे रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं ।

 ( ii ) खनिजों के मिलने से उनके परिवहन के लिए सड़कें और रेलमार्ग बनाए जाते हैं । इस तरह आधारभूत संरचना की वृद्धि होती है । इससे आर्थिक विकास होता है ।

( iii ) खनिजों के निर्यात से विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है ।

( iv ) खनन से प्राप्त खनिजों से उद्योग खड़े किए जाते हैं । इससे लोगों को रोजगार मिलता है ।

( v ) खदान क्षेत्र में पहले बसी आबादी का पुनर्वास करना पड़ता है । अतः उनका पुनर्वास जिस नए क्षेत्र में होता है , वहाँ नए ढंग से विकास की गति आगे बढ़ती है ।

( vi ) खनन कार्य बंद होने से बेरोजगारी की समस्या बढ़ने लगती है ।

Q.Describe the effects of mining operations on the economy. [2019]

Answer- Mining work has the following effect on the economy…

(i) It provides employment opportunities.

 (ii) Roads and railways are built for the transportation of minerals. In this way the infrastructure grows. This leads to economic development.

(iii) Foreign exchange is received from the export of minerals.

(iv) Industries are created from the minerals obtained from mining. This gives employment to the people.

(v) The previously settled population in the mine area has to be rehabilitated. Therefore, in the new area in which they are resettled, the pace of development proceeds in a new way.

(vi) With the closure of mining operations, the problem of unemployment starts increasing.

          शक्ति संसाधन (power resource)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न.1. कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए । [2011,  2021]

उत्तर-कोयला के चार प्रमुख प्रकार हैं- ( i ) एंथ्रासाइट , ( ii ) बिटुमिनस , ( iii ) लिग्नाइट एवं ( iv ) पीट

Q.Name the different types of coal. [2011, 2021]

Answer – There are four major types of coal – (i) anthracite, (ii) bituminous, (iii) lignite and (iv) peat.

प्रश्न.2.परंपरागत और गैर – परंपरागत ऊर्जा स्रोतों में अंतर बताइए । [2021]

उत्तर- परंपरागत ऊर्जा के स्रोत समाप्त जाने वाले शक्ति के साधन हैं और अनवीकरणीय है । इसलिए इनका उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए । कोयला , पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस इसके उदाहरण हैं । गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत नवीकरणीय है और आवश्यकता एवं क्षमता के अनुसार इनका उत्पादन बढ़ाया और उपयोग किया जा सकता है । सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा आदि इसके उदाहरण है ।

Q.Differentiate between conventional and non-conventional energy sources. [2021]

Answer- Conventional energy sources are exhaustible sources of power and are non-renewable. Hence they should be used judiciously. Examples are coal, petroleum and natural gas. Sources of non-conventional energy are renewable and can be increased and used as per the requirement and capacity. Examples are solar energy, wind energy etc.

प्रश्न.3. सौर ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है ? [2015, 2018, 2020]

उत्तर- सौर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सोलर प्लेट का निर्माण किया जाता है । इस प्लेट में सीजियम धातु के पतले – पतले तार लगाए जाते हैं । जब इन तारों पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत परिवर्तन किया जाता है । इसे विद्युत सौर प्लेट में लगे तार द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तु से जोड़ दिया जाता है । इस प्रकार , सौर ऊर्जा की प्राप्ति होती है । भारत के पश्चिमी भाग गुजरात और राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं ।

Q.How is solar energy produced? [2015, 2018, 2020]

Answer- Solar plates are made to get solar energy. Thin wires of cesium metal are placed in this plate. When sunlight falls on these wires, electricity is directly converted to sunlight by photovoltaic technology. It is connected to the object being used by a wire mounted in the electric solar plate. In this way, solar energy is obtained. Gujarat and Rajasthan, the western part of India, have immense potential for solar energy.

प्रश्न.4. पेट्रोलियम से किन – किन वस्तुओं का निर्माण होता है ? [2017, 2020]

उत्तर- पेट्रोलियम एक शक्ति संसाधन है , जिसका हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है । इसका मुख्य उपयोग यातायात के साधनों में ईंधन के रूप में होता है । इसके अलावा औद्योगिक मशीनों में स्नेहक के रूप में होता है । पेट्रोलियम का उपयोग संश्लेषित वस्त्र , उर्वरक , रसायन उद्योग , कीटनाशक दवा एवं कृत्रिम रबर बनाने में भी किया जाता है ।

Q.What items are made from petroleum? [2017, 2020]

Answer- Petroleum is a power resource, which has a lot of importance in our life. Its main use is as a fuel in the means of transport. Also used as a lubricant in industrial machines. Petroleum is also used in synthetic textiles, fertilizers, chemical industry, pesticides and synthetic rubber.

 प्रश्न.5.पेट्रोलियम का महत्व कोयले से अधिक क्यों है ? [2019]

उत्तर-पेट्रोलियम का महत्त्व कोयला से अधिक है , क्योंकि

( i ) पेट्रोलियम का भंडार कोयला के भंडार से अधिक है ।

( ii ) पेट्रोलियम में कोयले की अपेक्षा अधिक शक्ति देने की क्षमता है ।

( iii ) पेट्रोलियम का खनन , परिवहन एवं वितरण कोयला से सस्ता है ।

Q.Why is petroleum more important than coal? [2019]

Answer- Petroleum is more important than coal because

(i) The reserves of petroleum are more than the reserves of coal.

(ii) Petroleum has the capacity to deliver more power than coal Mining, transportation and distribution of petroleum is cheaper than coal.

प्रश्न.6.परमाणु शक्ति किन – किन खनिजों से प्राप्त होती है ?[2018]

उत्तर- परमाणु शक्ति ( नाभकीय ऊर्जा ) निम्नांकित खनिजों से प्राप्त होती -यूरेनियम , थोरियम , नियोबियम , टेटेलस , बेरीलियम , लीथियम , यिटिझम , जिरकोनियन आदि ।

Q.From what minerals does nuclear power come from? [2018]

Answer- Nuclear power (nuclear energy) is obtained from the following minerals – Uranium, Thorium, Niobium, Tetellus, Beryllium, Lithium, Yitzum, Zirconium etc.

प्रश्न.7.मुम्बई हाई तेल उत्पादक क्षेत्र का परिचय दें ।[2011]

उत्तर- 7. मुम्बई हाई तेल क्षेत्र मुम्बई तट से दूर अरब सागर में स्थित है । वर्तमान में यह सबसे अधिक तेल उत्पादन करनेवाला क्षेत्र है । यहाँ समुद्र में सागर – सम्राट नामक जलमंच बनाया गया है , जहाँ से कुएँ खोदकर समुद्र से तेल निकाला जाता है । यहाँ तेल का विशाल भंडार है । यहाँ से प्राप्त कच्चे तेल को साफ करने के लिए पाइपलाइन द्वारा ट्राम्बे तेल शोधनशाला भेज दिया जाता है ।

Q.Introduce the Mumbai High oil producing area. [2011]

Ans- 7. Mumbai High oil field is situated in Arabian Sea off Mumbai coast. At present it is the largest oil producing region. Here a water stage called Sagar-Samrat has been built in the sea, from where oil is extracted from the sea by digging wells. There is huge oil reserves here. The crude oil received from here is pipelined to Trombay Oil Refinery to be cleaned.

प्रश्न.8 . गोंडवाना समूह के किन्हीं चार कोयला क्षेत्रों के नाम लिखिए । [2021,2022]

उत्तर- गोंडवाना समूह में 96 % कोयले का भंडार शामिल है जो हमारे देश में मिलता है । इसका निर्माण लगभग 20 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ था । यह मुख्यतः चार नदी – घाटियों में पाये जाते हैं- ( i ) दामोदर घाटी , ( ii ) सोन घाटी , ( iii ) महानदी घाटी एवं ( iv ) वर्ध – गोदावरी घाटी ।

Q.Name any four coalfields of Gondwana group. [2021,2022]

Answer- Gondwana group contains 96% coal reserves which are found in our country. It was built about 20 million years ago. It is mainly found in four river valleys- (i) Damodar valley, (ii) Son valley, (iii) Mahanadi valley and (iv) Vardh- Godavari valley.

प्रश्न.9. नवीकरणीय ऊर्जा के चार उदाहरण दीजिए । [2022]

उत्तर-  नवीकरणीय ऊर्जा के उदाहरण हैं — सूर्य , पवन , जवार एवं लहर ।

Q.Give four examples of renewable energy. [2022]

Answer- Examples of renewable energy are sun, wind, tide and wave.

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न.1. शक्ति संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए । [ 2022 ]

उत्तर-शक्ति संसाधनों के वर्गीकरण इस प्रकार हैं –

( क ) उपयोगिता के आधार पर-

 ( i ) प्राथमिक ऊर्जा जैसे – कोयला , पेट्रोलियम , प्राकृतिक गैस  

( ii ) द्वितीय ऊर्जा जैसे – विद्युत

 ( ख ) श्रोत के आधार पर-

( i ) क्षयशील शक्ति संसाधन कोयला , पेट्रोलियम

( ii ) अक्षयशील शक्ति संसाधन पवन , प्रवाही जल

( ग ) संरचना के आधार पर-

( i ) जैविक ऊर्जा स्रोत जैसे – मानव

( ii ) अजैविक ऊर्जा स्रोत जैसे – जलशक्ति , पवन शक्ति

Q.Classify power resources. [ 2022 ]

Answer – The classification of power resources are as follows –

(a) on the basis of utility-

 (i) Primary energy such as coal, petroleum, natural gas

(ii) Second energy like electricity

 (b) on the basis of source-

(i) erosive power resources coal, petroleum

(ii) Renewable Power Resources Wind, Flowing Water

(c) on the basis of structure-

(i) Biological energy sources such as human

(ii) Inorganic energy sources such as hydropower, wind power

प्रश्न.2 . शक्ति संसाधनों के संरक्षण की दिशा में उठाये गये प्रयासों का उल्लेख कीजिए । ( 2022]

उत्तर- शक्ति संसाधन के संरक्षण के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं –

( i ) ऊर्जा के उपयोग में मितव्ययिता – ऊर्जा का उचित एवं आदर्शतम उपयोग होने से ऊर्जा का दुरुपयोग नहीं होता है ।

( ii ) ऊर्जा के नवीन क्षेत्रों की खोज – ऊर्जा संकट का समाधान नवीन ऊर्जा स्रोतों में निहित होते हैं । इसके लिए सुदूर संवेदी प्रणाली का भी प्रयोग हो रहा है ।

( iii ) ऊर्जा के नवीन वैकल्पिक साधनों का उपयोग -जो संसाधन समाप्त होने वाले हैं जिनकी पुनरावृत्ति संभव नहीं है , उस संसाधन को संरक्षित करना चाहिए । बदले में ऐसे स्रोत जो न समाप्त होने वाले हैं , ऐसे वैकल्पिक साधनों का प्रयोग किया जाए जैसे जल विद्युत , पवन ऊर्जा , ज्वारीय ऊर्जा , जैव ऊर्जा , सौर ऊर्जा आदि । ये सभी नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत भी कहे जाते हैं ।

( iv ) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग – ऊर्जा संकट एक वैश्विक समस्या है । जिसे विश्व के देशों को आपसी मतभेद भुलाकर सहयोग एवं समाधान करना चाहिए । आज UNO , OPEC , WTO , G8 जैसे देश इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे हैं । ऊर्जा का उपयोग हम अपनी जरूरत के हिसाब से करके एवं वेवजह उसका उपयोग न करके शक्ति के संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं ।

Q.Mention the efforts taken in the direction of conservation of power resources. ( 2022 ]

Answer- Following measures can be taken to conserve power resource –

(i) Economy in the use of energy – There is no misuse of energy due to proper and optimal use of energy.

(ii) Exploration of new areas of energy – The solution to the energy crisis lies in new energy sources. For this remote sensing system is also being used.

(iii) Use of new alternative sources of energy – The resources which are about to be exhausted which are not possible to be recycled, that resource should be conserved. In return, such sources which are not exhausting, such alternative sources should be used such as hydropower, wind energy, tidal energy, bio energy, solar energy etc. All these are also called sources of renewable energy.

(iv) International Cooperation – Energy crisis is a global problem. Which the countries of the world should forget mutual differences and cooperate and resolve. Today countries like UNO, OPEC, WTO, G8 are doing commendable work in this field. We can conserve energy resources by using energy according to our need and not using it unnecessarily.

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