लोकतंत्र में प्रतिस्पर्द्धा एवं संघर्ष
प्रश्न 1. बिहार में हुए छात्र आंदोलन के प्रमुख कारण क्या थे ?
उत्तर- 1971-72 ई ० के बाद के वर्षों में देश की सामाजिक – आर्थिक दशा में कोई सुधार नहीं हुआ था । बांग्लादेश से आये शरणार्थियों के चलते अर्थव्यवस्था और लड़खड़ा गयी । अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि ने भारत की आर्थिक स्थिति को असंतुलित कर दिया । 1972-73 ई ० में मानसून की असफलता के चलते पूरे देश में कृषि की पैदावार में काफी कमी आयी । परिणामस्वरूप पूरे देश में असंतोष का माहौल था । मार्च 1974 ई ० में प्रदेश में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार एवं खाद्यान्न की कमी तथा कीमतों में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के चलते बिहार के छात्रों ने सरकार के विरुद्ध आंदोलन छेड़ दिया । बिहार के छात्रों ने अपने आंदोलन की अगुआई के लिए जयप्रकाश नारायण को आमंत्रित किया
2. चिपको आंदोलन के मुख्य कारण क्या थे ?
उत्तर- चिपको आंदोलन का आरंभ उत्तराखण्ड के दो – तीन गाँव से हुआ । गाँव वालों ने वन विभाग से निवेदन किया कि खेती बाड़ी के औजार बनाने के लिए उन्हें अंगूर के पेड़ को काटने की अनुमति दी जाए । वन विभाग ने गाँव वालों को पेड़ काटने को अनुमति न देकर खेल | सामग्री के निर्माताओं को जमीन का वह टुकड़ा व्यवसाय प्रयोग के लिए आवंटित कर दिया । ? वन विभाग की इस कार्रवाई से गाँव वाले काफी दुखी हुए और उन्होंने सरकार के इस निर्णय जबर्दस्त विरोध किया । परिणामस्वरूप क्षेत्र की पारिस्थितिकी और 1 आर्थिक शोषण का से जुड़े अन्य सवाल उठने लगे । गाँव वालों ने सरकार से यह माँग की कि जंगल की कटाई का कोई भी ठेका बाहरी व्यक्ति को नहीं दिया जाना चाहिए । उनकी स्पष्ट माँग की थी कि स्थानीय निवासियों का जल , जंगल , जमीन जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर एक मात्र नियंत्रण होना चाहिए । इस आंदोलन ने स्थानीय भूमिहीन वन कर्मचारियों का आर्थिक मुझ उठाकर उनके लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी की माँग की ।
प्रश्न 3. स्वतंत्र राजनीतिक संगठन कौन होता है ?
उत्तर- 1970 और 1980 के दशक में देश के अंदर समाज के अनेक तबकों को राजनीतिक दलों की कार्यशैली से मोह भंग हो गया । इसके तात्कालिक कारण 1977 ई ० में जनता पार्टी के रूप में गैर कांग्रेसवाद का प्रयोग भारतीय राजनीति में दूरदर्शी प्रभाव नहीं दिखा सका । परिणाम स्वरूप , भारतीय समाज के विभिन्न समूहों के बीच उनके साथ हो रही अन्याय के चलते भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था से उनका असंतोष बढ़ता गया । इसके चलते देश के अंतर्गत स्वतंत्र राजनीतिक संगठन का उदय हुआ । ऐसे विभिन्न समूह दलगत राजनीति से अलग होकर अपने आंदोलन को और व्यापक करने के लिए अवाम को लामबंद करने और इस प्रकार राजनीतिक दलों से स्वतंत्र आंदोलन की शुरूआत हुई ।
प्रश्न 4. भारतीय किसान यूनियन की मुख्य मांगें क्या थीं ?
उत्तर- भारतीय किसान यूनियन ने गन्ने और गेहूँ के सरकारी खरीद मूल्य में बढ़ोत्तरी करने , कृषि से संबंधित उत्पादों के अंतर्राज्यीय आवाजाही पर लगी पाबंदियों को समाप्त करने , समुचित दर पर गारंटीयुक्त बिजली आपूर्ति करने , किसानों के बकाये कर्ज माफ करने तथा किसानों के लिए पेंशन योजना का प्रावधान करने की माँग की । ये ऐसी माँगें थीं जिसे देश के अन्य किसान संगठनों ने भी उठायी ।
प्रश्न 5. सूचना के अधिकार आंदोलन के मुख्य कारण क्या थे ?
उत्तर – सूचना के अधिकार की शुरूआत 1990 ई ० में राजस्थान के एक अति पिछड़े क्षेत्र भीम तहसील में सर्वप्रथम उठायी गई । उसके अन्तर्गत ग्रामीणों ने प्रशासन से अपने वेतन एवं भुगतान के बिल उपलब्ध कराने को कहा । ग्रामीणों को लग रहा था कि उन्हें दी गई मजदूरी में भारी घपला हो रहा है ।
प्रश्न 6. राजनीतिक दल की परिभाषा दें ।
उत्तर- सामान्यतया राजनीतिक दल का आशय ऐसे व्यक्तियों के किसी भी समूह से है जो एक समान उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्य करता है । किसी भी राजनीतिक दल में व्यक्ति एक समान उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जुट जाते हैं , जैसे मतदान करना , चुनाव लड़ना , नीतियों एवं कार्यक्रम तय करना आदि । व्यक्तियों का समूह जब एक राजनीतिक दल के रूप में संगठित होता है तो उनका उद्देश्य सिर्फ सत्ता प्राप्त करना या सत्ता को प्रभावित करना होता है । इसके लिए सभी राजनीतिक दल अपनी – अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करते हैं ।
प्रश्न 7. किस आधार पर आप कह सकते हैं कि राजनीतिक दल जनता एवं सरकार के बीच कड़ी का काम करता है ?
उत्तर – राजनीतिक दल का एक प्रमुख कार्य जनता और सरकार के बीच मध्यस्थता करना है । राजनीतिक दल ही जनता की समस्याओं और आवश्यकताओं को सरकार के सामने रखते हैं और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और कार्यकर्म को जनता टक पहुँचती हैं| इस तरह राजनितिक दल सरकार एवं जनता के बीच पुल-निर्माण का कार्य करते हैं |