BSEB Class10th Non-Hindi Eid Gaah ईदगाह

Bihar Board Non Hindi ईदगाह लघुउत्तरीय एवं दीर्ध उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी ?

उत्तर – ईद के दिन भी अमीना इसलिए उदास थी क्योंकि उसके घर में एक दाना भी नहीं था फिर हामीद अकेले कैसे तीन कोश तक पैदल चलकर ईदगाह तक जायेगा ।

प्रश्न 2. हामीद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसन्द करता है । क्यों ?

 उत्तर- बचपन में यदि बच्चा अभावग्रस्त हो तो वह वयस्क की तरह सोचने लगता है । हामीद ने सोचा मिठाईयाँ से केवल जिह्वा में स्वाद आता है जो क्षण भर के लिए होता । खिलौने भी मिट्टी के बने हैं जिसपर पानी पड़ते ही रंग उड़ जाएँगे । ठोकर लगते ही टुट – फूट जाएँगे । लेकिन चिमटा न कभी टुटेगा न फूटेगा । यह दादी को काम आयेगा । दादी को रोटी सेकने के समय अंगुलियाँ नहीं जलेंगी । यह बहुत उपयोगी है । यह सब बातें सोचकर हामीद चिमटा ही पसन्द करता है ।

प्रश्न 3. मेला जाने से पहले हामीद दादी से क्या कहता है ?

उत्तर – मेला जाने से पहले हामीद दादी से कहता है— “ तुम डरना नहीं अम्मा , मैं सबसे पहले आऊँगा । बिल्कुल न डरना । ”

प्रश्न 4. मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामीद के मन में कौन – कौन से विचार आए ? वर्णन कीजिए ।

उत्तर- मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामीद के मन में एक वयस्क की तरह विचार करने लगा । खिलौने सभी अच्छे हैं किसे लें । हरेक का दाम दो पैसे हैं , सभी खिलौने भी नहीं होंगे । फिर मिट्टी के बने ये खिलौने यदि हाथ से छूट गये तो चूर – चूर हो जायेंगे , पानी पड़ा तो सारा रंग घुल जाएगा । ऐसे खिलौने लेकर वह क्या करेगा । जब वह लोहे की दुकान वह विचारने लगता है । दादी के पास चिमटे नहीं हैं पर जाता है तो चिमटा देखते तवे से रोटियाँ उतारते समय उसके हाथ की अंगुलियाँ जल जाती हैं । अगर चिमटा लेकर दादी के पास जायेगा तो दादी बहुत खुश होगी । उनकी अंगुलियाँ अब कभी नहीं जलेंगी । खिलौने लेने से व्यर्थ में पैसे खराब हो जाएँगे ।

प्रश्न 5. हामीद ने चिमटे को किन – किन रूपों में उपयोग करने की बात कही है ?

 उत्तर – हामीद चिमटे को बंदूक , फकीरों के चिमटे , मंजीरे तथा खिलौने को जान निकालने वाला हथियार के रूप में उपयोग की बात कहीं है ।

प्रश्न 6. ईदगाह कहानी आपको कैसी लगती है ? इसकी मुख्य विशेषता बताइए ।

 उत्तर – ‘ ईदगाह ‘ कहानी हमें अत्यन्त रोचक लगी । इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं ( i ) कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित है । ( ii ) अभावग्रस्त बच्चे , वयस्क की तरह सोचते हैं । ( iii ) चुनौतियाँ बच्चे को परिपक्व बनाती हैं । ( iv ) कहानी मुहावरों के द्वारा रोचक बनाया गया है । ( v ) कहानी में जटिल शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है । ( vi ) कहानी सुखान्त है इत्यादि ।

 प्रश्न 7. चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव जगा ?

 उत्तर- चिमटा देखकर अमीना के मन में दो प्रकार के भाव जगे— ( क ) लड़का कितना वेसमझ है , न कुछ खाया न पिया और न कोई खेलने का खिलौने लाया । यह चिमटा क्यों ले आया । लेकिन जब हामीद ने कहा ” तुम्हारी अंगुलियाँ तबे से जल जाती थीं इसलिए मैंने इसे ले लिया तो दादी के भाव बदल गये । ( ख ) दूसरे भाव में दादी सोची – हामीद में कितना त्याग , सद्भाव और विवेक है । बच्चे को मिठाई खाते देख अवश्य ललचाया होगा । लेकिन बुढ़िया दादी का ख्याल बना रहा ।

प्रश्न 8. ईदगाह कहानी की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।

उत्तर – ” ईदगाह ” कहानी विशेषताओं से भरी हैं ( क ) कहानी बाल – मनोविज्ञन पर आधारित है । ( ख ) कहानी में अभावग्रस्त बच्चा को वयस्क की तरह सोच पैदा किया गया है । ( ग ) कहानी में बताया गया है कि चुनौतियाँ बच्चे को परिपक्व मतिबाला बना देता है । ( घ ) कहानी रोचक एवं सुखान्त है । ( ङ ) कहानी को सरल मुहावरों के द्वारा मार्मिक बनाया गया है । ( च ) तथा जटिल शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है ।

प्रश्न 9. अपने शिक्षक से रमजान के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए ।

उत्तर- रमजान का महीना होता है जो मुसलमानों के लिए अत्यन्त पवित्र मास माना जाता है । इस महीने में सभी उम्र के लोग रोजा रखते हैं दिनभर उपवास कर सूर्यास्त के समय रोजा को खोलते हैं अर्थात् व्रत का अंत करते हैं । यह व्रत – सूर्योदय से सूर्यास्त तक का होता है । रमजान के मास का शुक्रवार ( जुम्मा ) के दिन प्रायः सभी रोजा अवश्य रखते हैं । रमजान के मास व्रत – दान और भाईचारे का संदेश लेकर आता है । महीना के अंत में दूज के चाँद देखकर दूसरे दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है । यह दिन ईदगाह का पहला दिन होता है ।

प्रश्न 10.  ईद और मुहर्रम में क्या अन्तर है ? अपने शिक्षक से समझिए ।

 उत्तर- ईद खुशी का त्योहार है तो मुहर्रम गम का ।

 प्रश्न 11. आप किसके साथ मेला जाना पसंद कीजिएगा ?

 उत्तर – हमारे घर में माता – पिता , दादा – दादी , चाचा – चाची सभी हैं लेकिन मेरे दादाजी हमें पसंद की सारी चीजें हमें खरीद देते हैं अतः मैं दादाजी के साथ जाना पसंद करूंगा । * *

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