Class 10 Science NCERT Solutions in Hindi Chapter – 3 विद्युत धारा
प्रश्न 1. विद्युत् परिपथ का क्या अर्थ है?
उत्तर:- किसी विद्युतूधारा के सतत और बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं ।
प्रश्न 2. विद्युत् धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:- विद्युत धारा का S.I मात्रक है ऐंपियर (A) और एक एंपियर विदूयुतूधारा की रचना प्रति सेकिंड एक कूलॉम आवेश के प्रवाह से होती है अर्थात् IA = 1 C/ Is
प्रश्न 3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलैक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।
उत्तर:- एक इलेक्ट्रॉन पर विद्युत् आवेश होता है e = 1.6 × 10-19
तो एक कूलॉम में इलेक्ट्रॉन होंगे-
प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है ?
उत्तर:- आवश्यक युक्ति सैल है या सैलों से बनी बैटरी विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
प्रश्न 2. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1 V है ?
उत्तर:- किसी धारावाही विद्युत परिपथ के दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभवांतर 1 V होगा यदि एक कूलाम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में । जूल कार्य किया जाता है।
प्रश्न 3. 6 V बैटरी से गुज़रने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर:-ऊर्जा = आवेश = वोल्टेज = 6 × 6 = 6 जूल।
प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:- एक चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है–
(i) उसकी लंबाई ( L ) पुरन्व्य R ∝ l
(ii) उसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल ( A ) R ∝ 1/A
(iii) चालक पदार्थ की प्रकृति
यहाँ p अनुपात स्थिरांक है। इसे परिचालकता कहते हैं।
प्रश्न 2. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत् धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत् स्त्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों ?
उत्तर:- प्रतिरोध चालक तार की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
विद्युत धारा मोटे तार में से आसानी से प्रवाहित होगी क्योंकि मोटे तार का प्रतिरोध पतले तार के प्रतिरोध की अपेक्षा कम है।
प्रश्न 3. मान लीजिए किसी वैदयुत् अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युतूधारा में कया परिवर्तन होगा ?
उत्तर:- यदि एक विद्युत अवयव के दोनों सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में आधा कर देने पर उनमें प्रवाहित विद्युतूधारा भी घटकरm आधी हो जाती है। क्योंकि I = V/R , विभवांतर के V/2 होने पर, विद्युतूधारा ½ हो जाएगी परंतु प्रतिरोध में कोई बदलाव नहीं होगा।
प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत् इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर:- विद्युत् टोस्टरों तथा विद्युत् इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर ‘एक मिश्रधातु के बनाए जाते हैं । इसके निम्नलिखित कारण हैं–
(1) मिश्रधातु (Ni + Cr + Mn + Fe) का प्रतिरोध अधिक होता है।
(2) इसका गलनांक अधिक होता है।
(3) उच्च तापमान पर इसका ऑक्सीकरण नहीं होता।
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए
(a) आयरन (Fe) तथा मरकरी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत् चालक है ?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?
उत्तर:- (a) मरकरी की अपेक्षा आयरन अच्छा विद्युत चालक है क्योंकि आयरन की अवरोधता मरकरी की अपेक्षा कम है।
(b) चाँदी सर्वश्रेष्ठ चालक है क्योंकि इसकी अवरोधता न्यूनतम 1.60 × 10–8 Ωm है
प्रश्न 1. किसी विद्युत् परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सैलों की बैटरी, एक 5W प्रतिरोधक, एक 8W प्रतिरोधक, एक 12W प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुँजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
उत्तर:-
प्रश्न 2. प्रश्न का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित ‘विद्युतूधारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 202 के प्रतिरोधक के सिरों के ‘बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठूयांक होंगे ?
उत्तर:-
प्रश्न ।. जब (a) Ω तथा 106 Ω (b) 1Ω , 103 Ω तथा 106 Ω के प्रतिरोध पा़््व॑क्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे?
उत्तर:- (a). जब 1 Ω तथा 10 Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो-
अतः कुल प्रतिरोध इन दोनों में से सबसे छोटे प्रतिरोध से भी कम होगा
(b). यदि 1 Ω, 103 तथा 106 Ω वाले प्रतिरोध पा्श्वक्रम में हैं तो कुल प्रतिरोध होगा-
इसमें भी कुल प्रतिरोध 1 Ω से कम है, क्योंकि पार्श्वक्रम में लगाए हुए प्रतिरोधों का कुल प्रतिरोध उन सबमें से सबसे छोटे प्रतिरोध से भी कम होता है।
प्रश्न 100 Ω का एक विद्युत् लैंप, 50 Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 Ω का एक जल फिल्टर 220 V के विद्युत् स्त्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत् इस्तरी का प्रतिरोध कया है जिसे यदि समान स्त्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युतूधारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत् इस्तरी से कितनी विद्युतूधारा प्रवाहित होती है?
उत्तर:- विद्युत् लैंप का प्रतिरोध R1 = 100 Ω
विदूयुत् टोस्टर का प्रतिरोध R2 = 50 Ω
विद्युत जल फिल्टर का प्रतिरोध R3 = 500 Ω
यदिं विद्युत इस्तरी को उसी स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो उसमें से भी समान विदूयुत्त् धारा 1 प्रवाहित होगी।
इस्तरी का प्रतिरोध Rp = 125/4 Ω = 31.25 Ω
तो विद्युत इस्तरी में प्रवाहित होने वाली विदूयुतूधारा = 7.04 A
प्रश्न 3. . श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत् युक्तियों को पार्श्व क्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर:-पार्श्वक्रम में संयोजित करने के लाभ होते हैं-
(a) प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में जोड़ने से किसी भी चालक में स्विच की सहायता से विद्युतूधारा स्वतंत्रतापूर्वक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।
(2) ऐसा करने से सभी समांतर शाखाओं के सिरों के बीच का विभवांतर बराबर होता है। इसलिए लैंप, बिजली की प्रैस, रेफ्रीजरेटर, रेडियो आदि को एक ही विभव पर प्रचलन के योग्य बनाया जा सकता है।
प्रश्न 4. 2, Ω , 3 Ω तथा 6 Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध
(a) 4 Ω,
(b) 1 Ω हो
उत्तर:- (a) कुल प्रतिरोध 4 Ω के लिए उपरोक्त तीन प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ना चाहिए-
अब इस कुल प्रतिरोध को 202 वाले प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में लगाने पर –
अब कुल श्रेणीक्रम है = 2 Ω + 2 Ω = 4 Ω
(b) 1 Ω का प्रतिरोध पाने के लिए 2 Ω, 3 Ω तथा 6 Ω को पार्श्व क्रम में लगाना पड़ेगा। इससे कुल प्रतिरोध होगा-
प्रश्न 5. 4 Ω , 8 Ω , 12 Ω तथा 24 Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से
(a) अधिकतम
(b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके ?
उत्तर:- (a) यदि इन चारों प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में रखा जाए तो अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त होगा-
Rs = 4 Ω + 8 Ω +12 Ω + 24 Ω = 48 Ω
(b) न्यूनतम प्रतिरोध पाने के लिए उपरोक्त चारों प्रतिरोधों को पार्शवक्रम में रखा जाएगा।
प्रश्न 1. किसी विद्युत् हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?
उत्तर:- विद्युत् हीटर की डोरी कॉपर के मोटे तार की बनी होती है, जिसका प्रतिरोध उसके अवयव की उपेक्षा बहुत कम होता है। इसलिए यदि इन दोनों में से एक समान विद्युत धारा प्रवाहित हो तो अवयव का तापन I2 Rt डोरी के तापन की अपेक्षा बहुत अधिक होगा, इस प्रकार अवयव अत्यधिक गर्म होकर उत्तप्त होता है परंतु डोरी उत्तप्त नहीं होती क्योंकि वह अधिक गर्म नहीं होती ।
प्रश्न 2. एक घंटे में 50 Ω विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पनन ऊष्मा परिकलित कीजिए ।
प्रश्न 3. 20 Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युतूधारा लेती है। 30 s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित करें।
उत्तर:- R Ω , I = 5A , t = 30 s
ऊष्मा परिकलन = I2 Rt = (5)2 × 20 × 30 = 15000 J (जूल) = 1.5 × 104 J = 15,000 जूल
प्रश्न 1. विद्युत धारा दूवारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर:- P = I2 R विद्युत् धारा दूवारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण विद््युत् शक्ति दूवारा किया जाता है।
प्रश्न 2. कोई विद्युत् मोटर 220 V के विद्युत् स्त्रोत से 5.0 A विद्युतूधारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर दूवारा उपभुक््त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
एन.सी.इं.आर.टो. अभ्यास प्रश्नोत्तर
1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पा्वक्रम में संघोजित करने हैं । यदि संयोजन का तुल्व प्रतिरोध R है तो R\R” अनुपात का मान कया है?
उत्तर:- सभी टुकड़ों का प्रतिरोध = R\5
पाँच दकड़ों को पा्वक्रम में संयोजित करने पर प्रतिरोध =
इस प्रकार (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत् शक्ति को निरूपित नहीं करता?
(a) I2R
(b) IR2
(c) VI
(d) v2\R
उत्तर:- विद्युत शक्ति
केवल IR2 बिद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता।
इसलिए उत्तर होगा
(b) IR2
प्रश्न 3. किसी विद्युत् बल्ब का अनुमंताक 220V ; 100 W है। जब इसे 110 V पर ‘प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 700 W
(b) 75 W
(c) 50 W
(d) 25 W
प्रश्न 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत् परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पा्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा ?
(a) 1 : 2
(b) 2 : 7
(c) 1 : 4
(d) 1 : 4
उत्तर:- क्योंकि सभी तारें एक ही प्रकार के चालक, लंबाई एवं मोटाई के हैं इसलिए सभी का प्रतिरोध समान होगा। इसे क्रमान सकते हैं । दोनों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध, Rs = R + R = 2R
प्रश्न 5. किसी विद्युत् परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर:- दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को दोनों बिंदुओं के बीच में पार्शवक्रम में संयोजित किया जाता है।
प्रश्न 6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 × 10-8 W m है।10 W प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी ? यदि इससे दो गुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा ?
प्रश्न 7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर ४ के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत् धाराओं ग के संगत मान निम्न दिए गए हैं।
I ( ऐंपियर ) 0.5 1.0 2.0 3.0 4.0
V (बोल्ट) 1.6 3.4 6.7 10.2 13.2
V तथा I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर:-
प्रश्न 8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 विद्युतूधारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर:- V = 12 V , I = 2.5 mA = 2.5 × 10-3 A
प्रश्न 9. 9V की किसी बैटरी को 0.2 Ω, 0.3 Ω, 0.4 Ω, 0.5 Ω तथा 12 Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 12 Ω के प्रतिरोधक से कितनी विद्युतूधारा प्रवाहित होगी ?
उत्तर:- सभी प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं इसलिए
Rs = 0.2 Ω + 0.3 Ω + 0.4 Ω + 0.5 Ω + 12 Ω = 13.4 Ω
श्रेणीक्रम में सभी प्रतिरोधकों में प्रवाहित विद्युत् समान होगी इसलिए सभी 12 प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत् होगी 0.67 A
प्रश्न 10. 176 Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत् स्त्रोत से संयोजन से 5 A विद्युतूधारा प्रवाहित हो ?
उत्तर:- I = 5A N = 220 V
प्रश्न 11. यह दर्शाइए कि आप 6 Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध (i) 9 Ω, (ii) 2 Ω हो।
उत्तर:- (i) 6 Ω के तीन प्रतिरोधकों से 9 Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए हमें दो प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम तथा अन्य को इनके श्रेणीक्रम में लगाना होगा।
(ii). 2 Ω प्रतिरोधकता प्राप्त करने के लिए हमें तीनों प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में लगाना होगा।
प्रश्न 12. 220 V की विद्युत् लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 W है। यदि 220 V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युतूधारा 5 A है, तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?
उत्तर:-
प्रश्न 3. किसी विद्युत् भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियाँ A तथा B की बनी हैं जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24W है तथा इन्हें पृथक्-पृथक् श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220V विद्युत् लाइन से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युतधाराएँ क्या हैं?
उत्तर:- (i) विभवांतर = 220V प्रत्येक कुंडली का प्रतिरोध r = 2 Ω
(ii) कुंडली A तथा B को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध, Rs = r + r = 2r = 48 Ω
प्रश्न 14. निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2 W प्रतिरोधक दवारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए : (i) 6 V की बैटरी से संयोजित 1 W तथा 2 W श्रेणीक्रम संयोजन (ii) 4 V बैटरी से संयोजित 12 W तथा 2 W का पार्श्वक्रम संयोजन।
उत्तर:- (i) क्योंकि 6 V की बैटरी को । 1 Ω तथा 2 Ω के प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है इसलिए इसमें प्रवाहित विद्युत् है—
प्रश्न 15. दो विद्युत् लैंप जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 V तथा दूसरे का 60W; 220 V है विद्युत् मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत् मेंस से कितनी धारा ली जाती है?
उत्तर:- पहले लैंप की शक्ति (P1) = 100 वाट
पहले लैंप की विभवांतर (V) = 220 बोल्ट
प्रश्न 16. किसमें अधिक विद्युत् ऊर्जा उपभुक्त होती है : 250 W का TV सेट जो ‘एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 1200 W का विद्युत् हीटर जो 10 मिनट के लिये चलाया जाता है?
उत्तर:- 250 W के TV सेट द्वारा 1 घंटा में उपभुक्त ऊर्जा,
= 250 W × 1 h = 250 Wh
1200 W के विद्युत् हीटर दूवारा 10 मिनट में उपभुक्त ऊर्जा,
= 1200 W × 1/6h = 200 Wh
प्रश्न 17. 8 W प्रतिरोध का कोई विद्युत् हीटर विद्युत् मेंस से 2 घंटे तक 15 A ‘विद्युतूधारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
उत्तर:- I = 15A, R = 8 Ω , t = 2h
विद्युत शक्ति, P = I2 R (15)2 × 8 = 1800 W
अथवा 800 J/S
प्रश्न 18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए–
(a) विद्युत् लैंपों के तंतुओं के निर्माण में प्राय: एकमात्र टंग्स्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
(b) विद्युत् तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत् इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रधातुओं के क्यों बनाए जाते हैं?
(c) घरेलू विदयुत् परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
(e) विद्युत् संचारण के लिए प्राय: कॉपर तथा एल्यूमीनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:- (a) टंगस्टन भी प्रतिरोधकता उच्च (5.2 × 10-8 ओम मीटर) है इसलिए यह विद्युत आवेश के कारण बिना बहुत अधिक गर्म हुए प्रकाश उत्पन्न कर सकता है। इसलिए प्रकाश देने वाले बल्बों में उनका प्रयोग किया जाता है। इसकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक है और गलनांक 3300 °C है। विद्युत् धारा प्रवाहित करने से इसका तापमान 2700 °C तक पहुँच जाता है।
(b) किसी मिश्रधातु की प्रतिरोधकता शुद्ध धातु की अपेक्षा अधिक होती है तथा तापमान के परिवर्तन के साथ मिश्रधातुओं की प्रतिरोधता कम बदलती है। ‘उनका शीघ्र ऑक्सीकरण नहीं होता और वे उच्च तापमान को सह सकते हैं । इन्हीं कारणों से टोस्टर और विद्युत् प्रैस जैसे गर्म होने वाले उपकरणों में प्रयुक्त होने वाले चालकों में मिश्रधातुओं का प्रयोग किया जाता है। उच्च प्रतिरोधकता इन्हें जलाने से बचा लेती है।
(c) घरों में विद्युत् के लिए क्रमबदूध व्यवस्था को व्यवहारिक नहीं माना जाता है। क्योंकि इससे विद्युत् पथ का प्रवाह अलग-अलग जगह बंट जाता है और सभी में वोल्टेज़ बैंटकर कम हो जाती है। ऐसी अवस्था में सारे घर के लिए बल्ब, पंखे आदि एक ही स्विच से चलेंगे। उन्हें स्वतंत्र रूप से नहीं ‘जलाया-बुझाया जा सकता।
(d) तार की मोटाई के क्षेत्रफल से विद्युत् प्रवाह का सीधा संबंध होता है। यह प्रतिरोध का व्युत्क्रम होता है। R ∝ 1/A
(e) कॉपर एवं एल्यूमीनियम के तारों का प्रतिरोध काफी कम है इसलिए ये अधिक गर्म नहीं होती और इनका प्रयोग विद्युत् संचारण में किया जाता है।
लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ओम-नियम का अध्ययन करने के लिए किसी छात्र ने नीचे चित्र में दर्शाए अनुसार विद्युत परिपथ खींचा। उसके शिक्षक ने कहा कि इस परिपथ आरेख में कुछ संशोधनों की आवश्यकता है। इस परिपथ आरेख का अध्ययन करके इसे संशोधन सहित पुन: खींचिए।
उत्तर:- संशोधित परिपथ आरेख-
प्रश्न 2. 2 Ω के तीन प्रतिरोधक A, B तथा C नीचे चित्र में दर्शाए अनुसार संयोजित हैं। इनमें प्रत्येक ऊर्जा क्षय करता है तथा बिना पिघले 18 W की अधिकतम शक्ति सहन कर सकता है। तीनों प्रतिरोधकों से प्रवाहित हो सकने वाली अधिकतम धारा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:- प्रतिरोध हर, एवं पर, पा्श्वक्रम में जुड़े हैं जो संयुक्त रूप से R1 से श्रेणीक्रम में जुड़े हैं।
अत: परिपथ में कुल प्रतिरोध
∴ I = 3A
अतः प्रतिरोध B एवं A प्रत्येक में बहने वाली धारा
I = 3/2 A = 1.5 A
प्रश्न 3. ऐमीटर का प्रतिरोध निम्न होना चाहिए अथवा उच्च ? उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:- आमीटर का प्रतिरोध निम्नतम (शून्य) होना चाहिए अन्यथा यह विद्युतधारा को mप्रभावित करेगा।
प्रश्न 4. किसी ऐसे विद्युत परिपथ का आरेख खींचिए जिसमें एक सेल, एक कुंजी, ‘एक ऐमीटर तथा 4 Ω के दो प्रतिरोधकों के पार्श्व॑ संयोजन के साथ श्रेणीक्रम में एक 2 Ω का प्रतिरोधक संयोजित हो और पाइ्व संयोजन के सिरों के बीच ‘एक वोल्टमीटर संयोजित हो । क्या 2 Ω प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर 4 Ω के दो प्रतिरोधकों के पा्श्व॑ संयोजन के सिरों पर विभवांतर के समान होगा? उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर—
दोनों का विभवांतर समान होगा क्योंकि 4 Ω के दो प्रतिरोधकों का पार्श्व॑ संयोजन का प्रतिरोध भी 2 Ω है।