1.क्या होता है जब CO2 , गैस चूना जल में प्रवाहित किया जाता है—[2021]
( i ) कम मात्रा में ( ii ) ज्यादा मात्रा में ।
Ans- ( i ) जब CO2 , गैस चूना जल में कम मात्रा में प्रवाहित किया जाता है तो कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) का श्वेत अवक्षेप प्राप्त होता है ।
Ca (OH) 2 + CO2 → CaCO3 + H2O
( ii ) अधिक मात्रा में CO2 , गैस प्रवाहित करने पर चूना पत्थर CaCO3 , Ca(HCO3)2 में बदल कर जल में विलीन हो जाता है
CaCO3 + H2O + CO2 → Ca ( HCO3)2 जल में विलयनशील
2.उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? इसके दो उदाहरण दें ।[2016, 2018, 2021]
Ans- अम्ल और क्षारक के बीच रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप लवण और जल बनते हैं । अम्ल और क्षारक एक दूसरे को उदासीन कर देते हैं । इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं ।
जैसे – ( i ) HCl (aq.) + NaOH (aq .) → NaCl ( aq.) + H2O (l)
(ii) H2SO4 (aq.) + 2NaOH ( aq . ) → Na2SO4 (aq) + 2H20 (l)
3.धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन – सी गैस निकलती है ? एक उदाहरण दीजिए । इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे ? [2013, 2020]
Ans-जब धातु के साथ किसी अम्ल की अभिक्रिया होती है , तो प्रायः हाइड्रोजन गैस निकलते हैं ।
Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2
जाँच- हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति की जाँच गैस के पास एक जलती हुई तीली ले जाने से होती है। गैस ज्वलनशील है तथा पॉप की ध्वनि के साथ जलती है।
4.सूचक से आप क्या समझते हैं ? किसी एक संश्लेषित सूचक का नाम लिखें । [2015, 2022]
Ans- वैसे पदार्थ जिसकी सहायता से किसी अम्ल , भस्म और उदासीन विलयन के बारे में पता चलता है , सूचक कहे जाते हैं ।
अगर कोई विलयन अम्ल है तो उसमें नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है इसी प्रकार भस्मीय विलयन में लाल लिटमस पत्र नीला और उदासीन विलयन में अप्रभावित रहता है । संश्लेषित सूचक मिथाइल औरेंज और फिनाल्फथेलीन है
5.पीतल एवं ताँबे के बरतनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए ? [2022]
Ans- ताँबे या पीतल के बरतन में दही नहीं रखना चाहिए । दही में अम्लीय गुण होता है , क्योंकि दही खट्टा होता है । ताँबे के साथ दही की अभिक्रिया के फलस्वरूप विषैले यौगिकों का निर्माण होता है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होंगे।
दही + कॉपर→ कॉपर लवण + हाइड्रोजन
6.तनुकरण किसे कहते हैं ? [2014]
Ans- जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता ( H3O + / OH–) में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है । इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते हैं ।
7. आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता हैं , जबकि वर्षा जल होता है ? [2019]
Ans- आसवित जल का pH 7 होता है | विद्युत चालन के लिए , हाइड्रोनियम ऑयन की विमुक्ति होना अनिवार्य है | वायु प्रदूषक गैसों जैसे- SO2 , NO2 आदि के वातावरण में उपस्थिति होने पर वर्षा जल अम्लीय हो जाता है । यह विद्युत का चालन करने लगता है । यही कारण है कि वर्षा जल में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होती है| और हाइड्रोजन आयन मुक्त होता है । आसवित जल में H+ ऑयन उत्पन्न नहीं होने के कारण विद्युत धारा नहीं बहती है
8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है ?
Ans- जल की उपस्थिति में अम्ल से ( H+) आयन उत्पन्न होते हैं ।
HCl + H2O → H2O + Cl–
लेकिन जल की अनुपस्थिति में HCI अणुओं से H + आयन पृथक नहीं हो पाते हैं ।
हाइड्रोजन आयन पृथक रूप में नहीं रह सकते हैं लेकिन ये जल के अणुओं के साथ मिलकर रह सकता है । अतः H + आयन को हाइड्रोनियम आयन H3O+ से दर्शाया जाता है ।
H+ + H2 O → H3O
9. H + आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Ans- ( H3O+ / OH–) आयन की सांद्रता विलयन की प्रकृति पर निर्भर करता है । अगर जल में अम्ल या क्षारक को मिलाया जाए तो आयन की सांद्रता( H2O+ / OH–) में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है और विलयन तनुकृत हो जाता है ।
10.अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालक करता है ?
Ans- शुष्क अम्ल ( HCI ) विद्युत का चालन नहीं करता है । शुष्क अवस्था में HCI , H+ आयन विमुक्त नहीं करता है । ज्योंहि अम्ल में जल की कुछ मात्रा मिला दी जाती है तो यह H+ आयन विमुक्त करने लगता है। अम्लीय जल में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर विद्युत धारा आसानी से बहने लगता है । H+ आयन के चलते जल से विद्युत धारा बहती है । जल विद्युत का चालन करने लगता है ।