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Q.1. रासायनिक हथियारों, एवं एजेंट ऑरेंज का वर्णन करें | 

Ans: – नापाम और एजेंट ऑरेंज रासायनिक घातक हथियार थे । अमेरिका ने इसका उपयोग वियतनामी युद्ध में किया । नापाम में गैसोलिन मिला था जो ज्वलनशील होने के कारण त्वचा से चिपककर जलता रहता था । एजेंट ऑरेंज खतरनाक जहर था । उसे जिन ड्रमों में रखा जाता था उनपर ऑरेंज रंग की पट्टियाँ बनी होती थी । इनके प्रयोग से धन – जन की भारी हानि हुई ।

 Describe chemical weapons, and Agent Orange.

Ans :- Napam and Agent Orange were chemical lethal weapons. America used it in the Vietnamese War. Gasoline was found in Napam, which, being flammable, kept burning by sticking to the skin. Agent Orange was a dangerous poison. The drums in which it was kept were made of orange strips. Due to their use, there was a huge loss of money and people.

Q.2. अमेरिका हिन्द-चीन में कैसे दाखिल हुआ, चर्चा करें |

Ans: –  अमेरिका दक्षिणी वियतनाम और हिन्द- चीन में साम्यवादी प्रभाव को रोकने के लिए दाखिल हुआ । दूसरी तरफ कम्बोडिया का शासक सिंहानुक अमेरिका से संबंध विच्छेदकर चीन की ओर झुका जिससे अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा । साथ ही सिंहानुक साम्यवादी रूस और पूर्वी जर्मनी से संबंध बढ़ाना आरंभ कर दिया । लेकिन अमेरिका पूरे हिन्द – चीन में साम्यवादी प्रभाव को बढ़ाना नहीं चाहता था । इसलिए उसने हिन्द – चीन में हस्तक्षेप किया ।

Discuss how America entered Indo-China.

Ans :- America entered South Vietnam and Indo-China to stop communist influence. On the other hand, the ruler of Cambodia, Singhanuk, sever ties with America and leaned towards China, due to which America had to intervene. Simultaneously, relations with communist Russia and East Germany began to increase. But America did not want to increase the communist influence in the whole of Indo-China. So he intervened in Indo-China.

Q.3. जेनेवा समझौता कब और किनके बीच हुआ ?

Ans: – जेनेवा समझौता मई, 1954 ई० में हिन्द-चीन समस्या पर वार्ता हेतु बुलाया गए सम्मलेन में हुआ | इसमें वियतनाम को दो हिस्सों में बाँट दिया गया तथा लाओस तथा कम्बोडिया में वैध राजतंत्र को स्वीकार कर संसदीय शासन-प्रणाली को अपनाया गया | 

 When and between whom was the Geneva Agreement signed?

Ans :- Geneva Accord was held in May, 1954 in a conference called for talks on Indo-China problem. In this, Vietnam was divided into two parts and the parliamentary system of government was adopted by accepting legitimate monarchies in Laos and Cambodia.

Q.4. बओदाई कौन था ?

Ans: – बओदाई अन्नाम का राजा था | 1945 ई० में वियतनाम गणराज्य बन जाने के कारण 25 अगस्त,1945 ई० को राजसिंहासन छोड़ लन्दन बस गया | 1949 ई० में फ़्रांस ने बओदाई को सैनिक सहायता के साथ दक्षिण वियतनाम का शासक बना दिया | बओदाई स्वंय की कमजोर स्थिति को समझता था | जेनेवा समझौता के बाद भी बओदाई प्राय: फ़्रांस में ही रहता था |   

Who was Baodai?

Ans :- Baodai was the king of Annam. Due to the formation of the Republic of Vietnam in 1945, on August 25, 1945, he left the throne and settled in London. In 1949, France made Baodai the ruler of South Vietnam with military assistance. Baodai understood his own weakness. Even after the Geneva Convention, Baodai often lived in France.

Q.5. एकतरफा अनुबंध व्यवस्था क्या थी ?

Ans: – एकतरफा अनुबंध व्यवस्था एक तरह की बंधुआ मजदोरी थी जिसमें मजदोरों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं था, जबकि मालिक को असीमित अधिकार प्राप्त थे | रबर बागानों के खेतों एवं खानों में मजदूरों से एकतरफा अनुबंध व्यवस्था पर काम लिया जाता था | 

What was unilateral contract arrangement?

Ans: – Unilateral contract system was a kind of bonded labor in which the laborers did not get any rights, while the owner had unlimited rights. In the fields and mines of rubber plantations, workers were hired on a one-sided contract system.

Q.6. हिन्द–चीन में फ्रंसीसी प्रसार का वर्णन करें |

Ans: – फ्रांसीसी कम्पनी हिन्द –चीन में प्रसार करने में सक्रिय था |फ्रंसीसी व्यापारियों के साथ –साथ पादरी भी इस क्षेत्र में आने लगीं | 1747 ई० के बाद फ़्रांस अन्नाम में रूचि लेने लगा | किन्तु अभी भी इस क्षेत्र में उसकी पकड़ कमजोर थी | उन्नीसवीं सदी में इस क्षेत्र में फ्रंसीसी पादरियों की बढ़ती गतिविधियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन प्रारम्भ हो गया | इससे फ़्रांस को अपनी सैन्य शक्ति के प्रयोग का बहाना मिला |उसने सैन्य बल के आधार पर 1862 ई० में अन्नाम को संधि के लिए बाध्य किया | इसी प्रकार 1863 ई० में कम्बोडिया पर तथा 1883 ई० में तोंकिन पर अधिकार कर लिया | इस प्रकार बीसवीं सदी की शुरुआत तक संपूर्ण हिन्द –चीन क्षेत्र फ़्रांस के नियंत्रण में आ गया |               

Describe the French expansion in Indo-China.

Ans: – The French company was active in spreading in Indo-China. Along with the French merchants, the clergy also started coming to this area. After 1747, France started taking interest in Annam. But still his hold in this area was weak. In the nineteenth century, a fierce movement started against the increasing activities of the French clergy in this area. This gave France an excuse to use its military power He forced Annam to treaty in 1862 on the basis of military force. Similarly, in 1863, Cambodia was conquered and in 1883, Tonkin was captured. Thus by the beginning of the twentieth century the entire Indo-China region came under French control.

Q.7.माई –ली गाँव की घटना क्या थी इसका क्या प्रभाव पड़ा ? 

Ans: – माई ली दक्षिणी वियतनाम में एक गाँव था जहाँ के लोगों को वियतकांग समर्थक मान अमेरिकी सेना ने पूरे गांव को घेरकर पुरुषों को मार डाला, औरतों बच्चियों को बंधक बनाकर कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया | फिर उन्हें भी मारकर पूरे गाँव में आग लगा दिया | लाशों के बीच दबा एक बूढ़ा जिन्दा बच गया था जिसने इस घटना को उजागर किया था | माई –ली गाँव की घटना उजागर होने पर अमेरिकी सेना की   आलोचना सम्पूर्ण विश्व में होने लगी |

What was the incident in Lee village, what was its effect?

Ans:- Mai Li was a village in South Vietnam where the American army, who believed the people to be pro-Vietcong, surrounded the whole village and killed the men, took women and girls hostage and gang-raped them for several days. Then killed them too and set the whole village on fire. An old man buried among the corpses survived, who uncovered the incident. When the incident of Mai-Li village was exposed, the US Army was criticized all over the world.

Q.8. होआ–होआ आन्दोलन की चर्चा करें |  

Ans: – जेनेवा समझौते के बाद दक्षिण वियतनाम में गृहकलह की स्थिति बन गई | इसमें एक धार्मिक वर्ग होआ –होआ द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलन की मुख्य भूमिका थी | होआ- होआ आन्दोलन के काफी आक्रामक हो जाने पर न्यो –दिन्ह ने बड़ी क्रूरतापूर्वक इसे दबाया |        

Discuss the Hoa-Hoa movement.

Ans: – After the Geneva Agreement, there was a situation of civil discord in South Vietnam. In this the main role was played by the movement run by a religious class Hoa-Hoa. When the Hoa-Hoa movement became very aggressive, Nyo-Dinh suppressed it brutally.

Q.9. हो-ची – मिन्ह के विषय के संबंध में लिखें |  

उत्तर- हो ची मिन्ह वियतनामी स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे । वे साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित थे । 1925 में उन्होंने ‘ वियतनामी क्रांतिकारी दल ‘ की स्थापना की एवं फ्रांसीसी साम्राज्यवाद से लड़ने के लिए कार्यकर्त्ताओं के सैनिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की । 1930 ई ० में राष्ट्रवादी गुटों को एकत्रित कर ‘ वियतनाम कॉग सान देंग दल की स्थापना की । 1945 ई ० में उन्होंने लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की । वे जीवन पर्यंत वियतनाम की स्वतंत्रता और अखण्डता लिए संघर्षरत रहे ।

Ho Chi Minh was a leading leader of the Vietnamese freedom struggle. He was influenced by communist ideology. In 1925, he founded the ‘Vietnamese Revolutionary Party’ and arranged for military training of workers to fight French imperialism. In 1930 AD, by merging the nationalist groups, the ‘Vietnam Cog San Deng Party’ was established. In 1945, he established a democratic republic. He fought for the independence and integrity of Vietnam throughout his life.

Q.10. हिन्द-चीन का अर्थ क्या है ?   

Ans: – हिन्द-चीन का तात्पर्य तत्कालीन 2.8 लाख वर्ग कि०मी० में फैले उस प्रायद्वीपीक क्षेत्र से है जिसमें आज के वियतनाम, लाओस ओर कम्बोडिया के क्षेत्र आते हैं | इनकी उत्तरी सीमा म्यांमार एवं चीन को छूती है | दक्षिण में चीन सागर है और इसके पश्चिम में भी म्यांमार का क्षेत्र पड़ता है |     

What is the meaning of Indo-China?

Ans: – Indo-China refers to that peninsular area spread over 2.8 lakh square km, in which the areas of present-day Vietnam, Laos and Cambodia come. Their northern border touches Myanmar and China. To the south is the China Sea and to the west lies the territory of Myanmar.

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. नापाम और एजेंट ऑरेंज क्या था ?

Ans:- नापाम और एजेंट ऑरेंज रासायनिक घातक हथियार थे ।अमेरिका ने इसका उपयोग वियतनामी युद्ध में किया । नापाम में गैसोलिन मिला था जो ज्वलनशील होने के कारण त्वचा से चिपककर जलता रहता था । एजेंट ऑरेंज खतरनाक जहर था । उसे जिन ड्रमों में रखा जाता था उनपर ऑरेंज रंग की पट्टियाँ बनी होती थी । इनके प्रयोग से धन – जन की भारी हानि हुई ।

What was Naapam and Agent Orange?

Ans:- Napalm and Agent Orange were chemical lethal weapons. America used it in the Vietnamese war. Gasoline was found in Napam, which, being flammable, kept burning by sticking to the skin. Agent Orange was a dangerous poison. The drums in which it was kept were made of orange strips. Due to their use, there was a huge loss of money and people.

2. अमेरिका हिन्द – चीन में कैसे दाखिल हुआ ?

Ans:- अमेरिका दक्षिणी वियतनाम और हिन्द चीन में साम्यवादी प्रभाव को रोकने के लिए दाखिल हुआ । दूसरी तरफ कम्बोडिया का शासक सिंहानुक अमेरिका से संबंध विच्छेदकर चीन की ओर झुका जिससे अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा । साथ ही सिंहानुक साम्यवादी रूस और पूर्वी जर्मनी से संबंध बढ़ाना आरंभ कर दिया । लेकिन अमेरिका पूरे हिन्द – चीन में साम्यवादी प्रभाव को बढ़ाना नहीं चाहता था । इसलिए उसने हिन्द – चीन में हस्तक्षेप किया ।

How did America enter Indo-China?

Ans:- America entered South Vietnam and Indo-China to stop the communist influence. On the other hand, the ruler of Cambodia, Singhanuk, sever ties with America and leaned towards China, due to which America had to intervene. Simultaneously, relations with communist Russia and East Germany began to increase. But America did not want to increase the communist influence in the whole of Indo-China. So he intervened in Indo-China.

3. हो ची मिन्ह का संक्षिप्त परिचय दें ।

Ans:-  हो ची मिन्ह वियतनामी स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे । वे साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित थे । 1925 में उन्होंने ‘ वियतनामी क्रांतिकारी दल ‘ की स्थापना की एवं फ्रांसीसी साम्राज्यवाद से लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं के सैनिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की । 1930 ई ० में राष्ट्रवादी गुटों को एकत्रित कर ‘ वियतनाम काँग सान देंग दल की स्थापना की । 1945 ई ० में उन्होंने लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की । वे जीवन पर्यंत वियतनाम की स्वतंत्रता और अखण्डता के लिए संघर्षरत रहे ।

Give a brief introduction to Ho Chi Minh.

Ans:- Ho Chi Minh was the leading leader of the Vietnamese freedom struggle. He was influenced by communist ideology. In 1925, he founded the ‘Vietnamese Revolutionary Party’ and arranged for military training of workers to fight French imperialism. In 1930 AD, by merging the nationalist groups, the ‘Vietnam Kong San Deng Party’ was established. In 1945, he established a democratic republic. He fought for the independence and integrity of Vietnam throughout his life.

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

  1. हिन्द – चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें ।

अथवा , हिन्द – चीन उपनिवेश स्थापना का उद्देश्य क्या था ?

     Ans:-हिन्द चीन में फ्रांसीसियों के उपनिवेश स्थापना के कई कारण थे ।

( i ) आर्थिक कारण- वियतनाम एक कृषि प्रधान देश था । यहाँ चावल और रबर का उत्पादन होता था । यहाँ विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ

जैसे — कोयला , टीन , जस्ता , टंगस्टन , क्रोमियम थे । इनका उपयोग फ्रांसीसी अपने उद्योगों के विकास में करना चाहते थे । हिन्द – चीन में फ्रांस को बड़ा व्यापार भी मिल सकता था ।

( ii ) व्यापारिक सुरक्षा – फ्रांस को डच एवं ब्रिटिश व्यापारिक कम्पनियों की प्रतिस्पर्द्धा का सामना करना पड़ता था । चीन में उनके व्यापारिक प्रतिद्वन्द्वी अंग्रेज थे । भारत में फ्रांसीसी कमजोर हो गए थे।

       अतः आर्थिक तथा व्यापारिक दृष्टिकोण से फ्रांसीसियों के लिए हिन्द – चीन सुरक्षित थे क्योंकि वहाँ से भारत और चीन दोनों जगहों को संभाल सकते थे । औद्योगीकरण के लिए कच्चे माल की आपूर्ति उपनिवेशों से होती थी ।

( iii ) यूरोपीय सभ्यता का विकास करना – फ्रांसीसियों का एक उद्देश्य हिन्द – चीन वासियों को यूरोपीय सभ्यता से अवगत कराकर उन्हें सभ्य बनाना था । इसके अतिरिक्त कैथोलिक धर्म का प्रचार भी उपनिवेश स्थापना का एक उद्देश्य था ।

What was the purpose of establishing Indo-China colonization?

     Ans:- There were many reasons for the colonization of the French in Hind China.

(i) Economic reasons- Vietnam was an agricultural country. Rice and rubber were produced here. different types of minerals

For example, there were coal, tin, zinc, tungsten, chromium. The French wanted to use them for the development of their industries. France could also get big trade in Indo-China.

(ii) Trade security – France had to face competition from Dutch and British trading companies. Their trading rivals in China were the British. The French were weakened in India.

       Hence Indo-China was safe for the French from the economic and commercial point of view because from there India and China could manage both the places. The raw materials for industrialization were supplied from the colonies.

(iii) Developing European Civilization – One of the objectives of the French was to make the Indo-Chinese people civilized by making them aware of European civilization. Apart from this, the propagation of Catholicism was also one of the objectives of colonization

2. राष्ट्रपति निक्सन के हिन्द – चीन में शांति के संबंध में पाँच सूत्री योजना क्य थी ?

अथवा , प्रथम विश्वयुद्ध के भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के साथ अन्तसंबंधों की विवचेना करें ।

Ans:- अमेरिका- वियतनाम युद्ध में अमेरिकी अत्याचार की आलोचना पूरे विश्व में होने लगी । अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने हिन्द – चीन में शांति के लिए पाँच सूत्री योजना की घोषणा की जो निम्नलिखित थी-

 ( i ) हिन्द – चीन की सभी सेनाएँ युद्ध बंद कर यथास्थान पर रहे ।

 ( ii ) युद्ध विराम की देखरेख अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे ।

 ( iii ) इस दौरान कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयत्न नहीं करेगा ।

 ( iv ) युद्ध विराम के दौरान सभी तरह की लड़ाइयाँ बंद रहेंगी तथा

 ( v ) युद्ध का अंतिम लक्ष्य समूचे हिन्द- चीन में संघर्ष का अंत होगा ।

परंतु इस शांति प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया । निक्सन ने पुनः आठ सूत्री योजना रखी जिसे भी वियतनामियों ने खारिज कर दिया । हिन्द – चीन में अब चीन और सोवियत संघ ने भी अपना प्रभाव बढ़ाना आरंभ कर दिया । 27 फरवरी , 1973 को अंततः पेरिस में वियतमान युद्ध की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर हो गया । इस तरह से अमेरिका के साथ चला आ रहा युद्ध समाप्त हो गया एवं अप्रैल 1975 में उत्तरी एवं दक्षिणी वियतनाम का एकीकरण हो गया ।

Discuss the inter-relationship with the Indian National Movement of the First World War.

Ans:- American atrocities in the US-Vietnam War started being criticized all over the world. US President Nixon announced a five-point plan for peace in Indo-China which was as follows-

(i) All the armies of Indo-China stopped the war and stayed in place.

 (ii) The ceasefire will be supervised by international observers.

 (iii) During this time no country will try to increase its power.

 (iv) During the ceasefire all fighting shall cease and

 (v) The ultimate goal of the war would be the end of the entire Indo-China conflict.

But this peace offer was rejected. Nixon again put forward an eight-point plan which was also rejected by the Vietnamese. Now China and the Soviet Union also started increasing their influence in Indo-China. On February 27, 1973, an agreement to end the Vietnam War was finally signed in Paris. In this way the ongoing war with America ended and in April 1975 North and South Vietnam was unified.

3. हिन्द – चीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें ।

Ans:-  हिंद – चीन में राष्ट्रवाद के विकास में विभिन्न तत्त्वों का योगदान था , जिनमें औपनिवेशिक शोषण की नीतियों तथा स्थानीय आंदोलनों ने काफी बढ़ावा दिया । 20 वीं शताब्दी के शुरुआत में यह विरोध और मुखर होने लगा । उसी परिपेक्ष्य में 1903 ई ० में फान – बोई चाऊ ने ‘ दुई तान होई नामक एक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की जिसके नेता कुआगे दें थे । फान – बोई – चाऊ ने “ द हिस्ट्री ऑफ द लॉस ऑफ वियतनाम ” लिखकर हलचल पैदा कर दी ।

       1905 में जापान द्वारा रूस को हराया जाना हिंद- चीनियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया । साथ ही रूसो एवं मांटेस्क्यू जैसे फ्रांसीसी विचारकों के विचार भी इन्हें उद्वेलित कर रहे थे । इसी समय एक – दूसरे राष्ट्रवादी नेता फान – चू – त्रिन्ह हुए जिन्होंने राष्ट्रवादी आंदोलन के राजतंत्रीय स्वरूप की गणतंत्रवादी बनाने का प्रयास किया । जापान में शिक्षा प्राप्त करने गए छात्र इसी तरह के विचारों के समर्थक थे । इन्हीं छात्रों ने वियतनाम कुवान फुक होई ( वियतनाम मुक्ति एसोसिएशन ) की स्थापना की ।

         हालाँकि हिंद – चीन में प्रारंभिक राष्ट्रवाद का विकास कोचिन – चीन , अन्नाम , तोंकिन जैसे शहरों तक ही सीमित था , परंतु जब प्रथम विश्वयुद्ध शुरू हुआ तो इन्हीं प्रदेशों के हजारों लोगों को सेना में भर्ती किया गया , हजारों मजदूरों को बेगार के लिए फ्रांस ले जाया गया । युद्ध में हिंद – चीनी सैनिकों की ही बड़ी संख्या में मृत्यु हुई । इन सब बातों की तीखी प्रतिक्रिया हिंद – चीनी लोगों पर हुई और 1914 ई ० में ही देशभक्तों ने एक “ वियतनामी राष्ट्रवादी दल ” नामक संगठन बनाया ।

          1930 के दशक की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी ने भी राष्ट्रवाद के विकास में योगदान किया ।

Describe the development of nationalism in Indo-China.

Ans:- Various elements contributed to the development of nationalism in Indo-China, in which the policies of colonial exploitation and local movements gave a lot of impetus. In the beginning of the 20th century this opposition became more vocal. In the same context, in 1903, Phan-Boi Chau founded a revolutionary organization called ‘Dui Tan Hoi’ whose leader was Kuage De. Phan-Boi-Chou created a stir by writing “The History of the Loss of Vietnam”.

The defeat of Russia by Japan in 1905 became a source of inspiration for the Indo-Chinese. At the same time, the ideas of French thinkers like Rousseau and Montesquieu were also stirring them. At the same time there was another nationalist leader, Phan-Chu-Trinh, who tried to make the republican form of the nationalist movement republican. Students who went to Japan for education were supporters of similar views. These students founded the Viet Nam Kuan Phuc Hoi (Vietnam Liberation Association).

Although the development of early nationalism in Indo-China was limited to cities like Cochin-China, Annam, Tonkin, but when the First World War started, thousands of people from these regions were recruited into the army, thousands of laborers were taken to France for forced labor. gone. A large number of Indo-Chinese soldiers died in the war. All these things had a strong reaction on the Indo-Chinese people and in 1914, the patriots formed an organization called “Vietnamese Nationalist Party”.

The worldwide economic recession of the 1930s also contributed to the growth of nationalism.

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