MATH me 100/100 marks kaise laaye | How to score 100/100 in math | Ganit men 100 % marks kaise prapt kren | Math ko kaise thik kren |

दोस्तों अगर आप बोर्ड एग्जाम में मैथ पेपर में 100/100 मार्क्स लाना चाहते हैं तो आपको यह लिखी हुई सारी बातें एकदम ध्यान पूर्वक पढ़नी होगी | एक बात मैं बताता हूं हर स्टूडेंट चाहता है कि गणित में 100 मार्क्स लाएं और इसके अलावा विज्ञान और सामाजिक विज्ञान है उसमें मार्क्स कम होने की उम्मीद होती हैं लेकिन गणित में ऐसा नहीं है आप चाहे तो गणित 100 नंबर ला सकते हैं | तो अगर आपने यह पेज खोला है तो आपके लिए काफी वरदान साबित होने वाला है


सबसे पहले इन बातों का रखें ख्याल

देखिए अगर आप गणित में 100 में से 100 नंबर लाना चाहते हो तो सबसे पहले आप का गणित का जो बेसिक है वह मजबूत होना चाहिए कई बच्चों का ऐसा होता है कि जिस क्लास का पढ़ रहे हो उसका बेसिक पता नहीं है लेकिन जब तक आप को बेसिक पता नहीं रहेगा आप उन प्रश्नों को हल नहीं कर पाओगे इसलिए आपको जरूरी है कि गणित का पहले बेसिक मजबूत कर ले उदाहरण के तौर पर LCM, HCF , बोर्ड मॉस, गुनंखनडन,समीकरण, बहुपद इत्यादि | ये सभी आपके मैथ के लिए बहुत ही स्पेशल और बेसिक पार्ट होता है | इसलिए आप इसे जरूर ध्यान रखें और पहले इसको मजबूत कर ले तब जाकर आपने मैथ का सिलेबस को बनाने की कोशिश करें जिसकी वजह से आप को बनाने में भी अच्छा लगेगा |

इस पेज में क्या मिलने वाला है

इस पोस्ट में यह बताया जाएगा कि आपको मैथ एग्जाम में कैसे 100 /100 अंक प्राप्त होगा इसलिए आप को ध्यान पूर्वक इस पोस्ट को पढ़ना है और सभी बातों को आसानी से समझना है और जो बातें बताई गई है उसे फॉलो करें | तब आपको बोर्ड परीक्षा में अच्छा अंक हासिल हो सकता है |

प्रश्नों का वर्गीकरण

जैसा कि आपको पता है कि गणित के परीक्षा में प्रश्नों का वर्गीकरण किया जाता है और प्रश्न तीन प्रकार से पूछे जाते हैं पहला प्रकार वस्तुनिष्ठ प्रश्न है जिसे हम लोग ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन कहते हैं इसमें चार ऑप्शन दिया रहता है और उन चारों ऑप्शन में से एक ऑप्शन सही उत्तर होता है तो आपको सही उत्तर पर टिल लगाना होता है और जो लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होते हैं उसमें आपको प्रश्नों को विस्तार पूर्वक बनाना पड़ता है | अगर प्रश्न दो या तीन अंक का होता है तो आप उसे 6 से 7 लाइन में बना सकते हैं और अगर प्रश्न 5 नंबर का है तो आप को कम से कम 1 पेज की आवश्यकता पड़ेगी |

तो मैं सबसे पहले बात करता हूं वस्तुनिष्ठ प्रश्न यानी कि सब्जेक्टिव क्वेश्चन

आप अगर किसी भी बोर्ड से संबंध रखते हो तो आप के बोर्ड एग्जाम में वस्तुनिष्ट प्रश्न भी पूछे जाते हैं जैसे उदाहरण के लिए बिहार बोर्ड ले ले तो यहां गणित में 50% वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं | इसका मतलब यह हुआ कि 100 अंक में 50 अंक वस्तुनिष्ठ प्रश्न से प्राप्त किए जा सकते हैं तो बच्चों को यह चाहिए कि आप सबसे पहले यह जो आसान आसान सा वस्तुनिष्ट प्रश्न पूछे जाते हैं उनका सही तरीके से सलूशन कर ले | कहने का मतलब यह है कि जितने सारा विषय आपके गणित में है उन सभी चैप्टर को अच्छे तरीके से पढ़े और आप निश्चित कर ले कि आपको वस्तुनिष्ठ प्रश्न के एक भी क्वेश्चन को गलत नहीं करना है सभी सवाल के सही से जवाब देने हैं तभी आपको 50 में 50 अंक प्राप्त हो पाएगा |

तो यह आपके लिए एक बहुत ही अच्छा मौका प्राप्त होता है | इसी प्रकार आप दूसरे बोर्ड को देख ले तो अगर वहां उस बोर्ड में वस्तुनिष्ट प्रश्न पूछे जाते हैं तो आप सबसे पहले उस पर फोकस करें जितना भी मार्क्स का पूछा जा रहा है उसको निश्चित कर ले | आप अगर किसी भी बोर्ड से संबंध रखते हो तो आप के बोर्ड एग्जाम में वस्तुनिष्ट प्रश्न भी पूछे जाते हैं जैसे उदाहरण के लिए बिहार बोर्ड ले ले तो यहां गणित में 50% वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं | इसी प्रकार आप दूसरे बोर्ड को देख ले तो अगर वहां उस बोर्ड में वस्तुनिष्ट प्रश्न पूछे जाते हैं तो आप सबसे पहले उस पर फोकस करें जितना भी मार्क्स का पूछा जा रहा है उसको निश्चित कर लें |


लघु उत्तरीय प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न

आप को मैं बताता चलूं की बोर्ड परीक्षा में लघु उत्तरीय प्रश्न दो या तीन अंक के पूछे जाते हैं इसमें आपको पांच से छह लाइन में प्रश्नों को विस्तार पूर्वक बनाना पड़ता है तब आपको दो या तीन अंक प्राप्त होंगे | अगर मैं बात कर लूं बिहार बोर्ड के बारे में तो बिहार बोर्ड में लघु उत्तरीय प्रश्नों में से 30 अंक के दो या तीन अंक वाला प्रश्न पूछे जाते हैं
तो इस बोर्ड के बच्चों के लिए बहुत ही अच्छा मौका होता है कि लघु उत्तरीय प्रश्न को आसानी पूर्वक हल किया जाए और यह बहुत आसान सा सवाल पूछा जाता है इसमें ज्यादा टफ सवाल नहीं होता है ज्यादा कठिन सवाल नहीं पूछे जाते हैं जो क्वेश्चन जो प्रश्न वस्तुनिष्ठ वर्ग में पूछे जाते हैं उन्हीं प्रश्नों को लघु उत्तरीय प्रश्न में डाल दिया जाता है ताकि आप इस प्रश्न को विस्तार पूर्वक बनाकर के कॉपी में लिखें |

बात कर लेते हैं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न का

दीर्नेघ उत्तरीय प्रश्नों में पांच नंबर या सात नंबर से पूछे जाते हैं अलग-अलग बोर्ड में अलग-अलग प्रकार से उत्तर प्रश्न का मार्किंग किया जाता है| मैं बात कर ले रहा हूं बिहार बोर्ड का एक उदाहरण के तौर पर तो यहां पर दीर्घ उत्तरीय प्रश्न जो है पांच नंबर के पूछे जाते है| तो सबसे पहला तो यह करना क्या चाहिए आप प्रीवियस ईयर में लॉन्ग क्वेश्चन यानी किस सब्जेक्ट क्वेश्चन जिसको हम लोग कहते हैं वह किस किस चैप्टर से पूछे जाते हैं तो मैं आपको बता दूं कि कुछ ऐसे खास चैप्टर होते हैं मैथ में जिससे हंड्रेड परसेंट क्वेश्चन पूछे जाते हैं | दीर्घ उत्तरीय रूप में तो अगर आप पिछले साल का या उससे पहले साल का क्वेश्चन को देखते हैं क्वेश्चन बैंक को पढ़ते हैं तो आपको अनुभव हो जाएगा कि किस किस विषय से क्वेश्चन पूछे जाते है|

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न आपके लिए बहुत ही काफी अहम होता है क्योंकि यही प्रश्न आपको आगे या पीछे करने में हेल्प करेगा आपको पता है कि वस्तुनिष्ठ प्रश्न और लघु उत्तरीय प्रश्न हर बच्चे एक प्रश्न करने की कोशिश करते हैं लेकिन दीर्घ उत्तरीय में अधिकतर बच्चे फस जाते हैं उसको हल नहीं कर पाते हैं और अगर आप उसको हल कर पाएं तो आप उनसे कहे ज्यादा से ज्यादा नंबर हासिल कर पाओगे इसलिए आप लॉन्ग क्वेश्चन और पर फोकस करें | और आपको मैं एक बात बता दो कि जो प्रश्न प्रश्न के रूप में पूछा जाता है उसको बार-बार प्रैक्टिस कीजिए क्योंकि वही प्रश्न फिर रिपीट होता है |बहुत सारा ऐसे प्रश्न हैं जो बार-बार रिपीट होते रहते हैं |

तो क्या करें

यहां पर जिस प्रकार से आपको समझाया गया है कि वस्तुनिष्ठ प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न को किस प्रकार हल किया जाए कैसे उस पर फोकस किया जाए और अगर आप इस बातों को ध्यान से समझ लेते हैं और इस पर अमल करते हो तो मैं उम्मीद करता हूं कि आपको मैथ में हंड्रेड में हंड्रेड नंबर अवश्य ही प्राप्त होंगे | एक बात ध्यान रखें कि आप गणित में जितना बनाते हैं | मान लें की एक सवाल है और वह पांच नंबर का सवाल है और आप उसे बना रहे हो लास्ट में आंसर अपने गलती कर दिया मतलब पूरा स्टेप आपने सही बनाया लेकिन आंसर वाला हिस्सा है वह गलत हो गया तो अगर पांच नंबर का सवाल है तो आपको तीन नंबर 4 नंबर अवश्य ही मिल जाएगा | कहने का अर्थ यह है कि गणित का जितना नंबर का सवाल है उसका जितना भाग बनाते हो उतना नंबर आपको अवश्य मिलता है|

गणित प्रश्न को बार-बार रिहर्सल करने की आवश्यकता है

बिल्कुल गणित एक ऐसा विषय है जिसे अगर आप रोज रोज प्रैक्टिस नहीं करते हो पर वह क्वेश्चन आपके दिमाग से निकल जाएगा इसलिए आपको बहुत जरूरी है कि रोज कम से कम 2 घंटा आपको गणित के लिए टाइम निकालना है और जो क्वेश्चन जो आपने अपने स्कूल में या कोचिंग में या किसी से भी पढ़ा है उसको रिपीट करें उसको प्रैक्टिस करें क्योंकि प्रैक्टिस मेकस परफेक्ट जितना अच्छा आपका प्रेक्टिस होगा उतनी अच्छी तरीके से आप सवाल को आसानी पूर्वक और टाइम के अंदर बना पाओगे|

समय का रखें ख्याल

आपको पता है कि मैं एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसे बढ़ाने के वक्त समय का कुछ भी अता-पता नहीं चलता है क्योंकि जब मैथ में प्रॉब्लम फस जाते हो तो आपका दिमाग उसमें विलीन हो जाता है और सोचने पर मजबूर रहते हो कि हल कैसे किया जाए और उस समय समय इतना तेजी से गुजर रहा होता है कि आपको पता नहीं चलता है कि कितना जल्दी एक घंटा टाइम बीत गया ठीक है तो आप समय का ख्याल रखते हुए मैच को प्रश्न को मैथ के प्रश्न को बनाने की कोशिश करें और सवाल को बनाने के एक टाइम फिक्स करें कि मुझे दो नंबर वाला प्रश्न को दो से 3 मिनट के अंदर में ही बना देना है पांच नंबर के प्रश्न को 5 से 7 मिनट के अंदर में ही बना देना है एक नंबर वाला प्रश्न को 1 मिनट के अंदर ही है |


मुझे उम्मीद है कि मैंने जो आपको बातें बताई है यह बातें आपको बहुत अच्छी तरीके से समझ में आ गई होगी और आप इन बातों को सिर्फ समझते ही छोड़ नहीं देना है बल्कि आपको इस पर अमल करना है और एक रूटीन बनाना है आपको इसी अनुसार मैथ की प्रैक्टिस करना है जिस तरह से मैंने ऊपर में बताया है अगर आपको अच्छा लगा है मेरी बातें तो इन बातों को अपने दोस्तों को जरूर बताएं और इसका लिंक आप उसके व्हाट्सएप पर अपने व्हाट्सएप पर जो स्टेटस में टेलीग्राम या फेसबुक कहीं भी आप सोशल मीडिया का कोई भी यूज कर रहे हो प्लेटफार्म तो उस पर इस मैसेज को जरुर शेयर करें ताकि जिस बच्चों का मैथ कमजोर है या कोई विषय कमजोर है उसका वह ए स्ट्रांग हो जाए इस पोस्ट से तो इसमें हमारा और आपका दोनों का भल

धन्यवाद
लेखक- मो0 अशफाक आलम


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